केरल हाईकोर्ट ने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक फेसबुक पोस्ट शेयर करने वाले हेडलोड एक्टिविस्ट को जमानत दी
केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को पैगंबर मोहम्मद नबी पर अश्लील और निंदनीय फेसबुक पोस्ट शेयर करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए और केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120 (ओ) के तहत अपराध में आरोपी हेडलोड एक्टिविस्ट को जमानत दी।
जस्टिस विजू अब्राहम ने जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता को दो सॉल्वेंट ज़मानत के साथ 50,000/- रुपये के बांड को निष्पादित करने और अंतिम रिपोर्ट दाखिल होने तक हर शनिवार को सुबह 11 बजे जांच अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश दिया।
पीड़ित पक्ष का मामला यह है कि 6 सितंबर, 2022 को याचिकाकर्ता ने पैगंबर मोहम्मद पर अभद्र और निंदनीय टिप्पणियों के फेसबुक पोस्ट शेयर की, जिससे इस्लाम धर्म का अपमान हुआ और सांप्रदायिक घृणा पैदा हुई। आगे यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी के उक्त कृत्य से वास्तविक शिकायतकर्ता की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची।
याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट एम.बी. सूरी और बालमुरली के.पी. कि याचिकाकर्ता केवल हेडलोड वर्कर है और मोबाइल फोन का उपयोग करने में उसकी अज्ञानता के कारण ही कथित घटना हुई। यह आगे प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता 7 सितंबर से हिरासत में है।
दूसरी ओर, लोक अभियोजक नीमा जैकब ने इस आधार पर जमानत अर्जी का विरोध किया कि याचिकाकर्ता ने खुद फेसबुक ग्रुप में टिप्पणी की। आगे यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं।
जमानत आवेदन की अनुमति देते समय न्यायालय ने स्पष्ट रूप से निर्धारित किया कि याचिकाकर्ता को जांच में हस्तक्षेप करने या शिकायतकर्ता या किसी गवाह को प्रभावित करने या डराने का प्रयास नहीं करना चाहिए और यदि जमानत आदेश में किसी भी शर्त का उल्लंघन पाया जाता है तो जांच अधिकारी क्षेत्राधिकार न्यायालय के समक्ष जमानत रद्द करने के लिए आवेदन दायर कर सकता है।
केस टाइटल: बोबन पी.वी. बनाम केरल राज्य
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