केरल हाईकोर्ट एक और नाबालिग बलात्कार पीड़िता की सहायता के लिए सामने आया: प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन की अनुमति दी

Update: 2021-09-23 09:09 GMT

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को एक अन्य नाबालिग बलात्कार पीड़िता की मदद के लिए उसके पिता की याचिका को स्वीकार कर लिया।

इसके साथ ही उसके लिए उसके द्वारा किए गए यौन हमले के परिणामस्वरूप उसको प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन की अनुमति दी।

पिछले एक सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट द्वारा पारित यह ऐसा तीसरा आदेश है।

पहले के दो मामलों में पीड़िता 26 सप्ताह से अधिक की गर्भवती थी और संबंधित मेडिकल बोर्ड से प्राप्त सिफारिशों के आधार पर उसको प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन की अनुमति दी गई थी।

हालांकि, वर्तमान मामले में 16 वर्षीय पीड़िता केवल आठ सप्ताह की गर्भवती है। उसने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए कहा कि उसने प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन के लिए उसने जिस प्राइवेट अस्पताल से संपर्क किया था, उसने यह कहते हुए प्रक्रिया को अंजाम देने से इनकार कर दिया कि अपराध किया गया था।

सरकारी वकील ने कहा कि वर्तमान मामले में कोर्ट की अनुमति की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत 12 सप्ताह से कम की गर्भावस्था को एक मेडिकल द्वारा निरस्त किया जा सकता है, यदि उसकी राय है कि इसे जारी रखना पीड़ित के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा।

इसके बाद अदालत ने लड़की के पिता को निर्देश दिया कि वह तत्काल मामले में प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन के आदेश की एक प्रति के साथ एक सरकारी अस्पताल से संपर्क करे।

इस निर्देश के साथ पीड़िता के पिता द्वारा गर्भ को मेडिकल रूप से समाप्त करने की अनुमति मांगने वाली याचिका का निपटारा कर दिया गया।

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