केरल हाईकोर्ट ने COVISHIELD डोज के अंतराल को कम करने के एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ केंद्र की अपील को अनुमति दी

Update: 2021-12-03 07:02 GMT

केरल हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ दायर अपील को 84 दिनों के निर्धारित अंतराल से पहले COVISHIELD की दूसरी डोज देने करने की अनुमति दी है।

मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी शैली की खंडपीठ केंद्र सरकार द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी। इसमें आरोप लगाया गया कि वैक्सीन के जल्द प्रशासन की अनुमति देकर एकल न्यायाधीश ने सरकार की वैक्सीन नीति में हस्तक्षेप किया है।

पूर्वोक्त निर्णय के द्वारा एकल पीठ ने अपीलकर्ताओं को CoWIN पोर्टल में आवश्यक प्रावधान करने का निर्देश दिया था ताकि पहली डोज के चार सप्ताह के बाद COVISHIELD वैक्सीन की दूसरी डोज का समय निर्धारण उन लोगों के लिए किया जा सके जो इसे वैसे ही लेने के इच्छुक हैं।

मामले की पिछली सुनवाई में केंद्र ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि उसे यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि उसके नागरिकों को COVID-19 वायरस से बेहतर तरीके से बचाया जाए, जबकि कोर्ट को COVISHIELD की डोज के निर्धारित समय अंतराल की सरकारी नीति में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।

इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार द्वारा यह तर्क दिया गया कि केवल प्रतिवादी कंपनी अपने कर्मचारियों को 84 दिन पूरे होने से पहले दूसरे जैब के साथ वैक्सीन लगवाना चाहती है। इस तरह के कदम से व्यक्तिगत श्रमिकों के अधिकारों का उल्लंघन होता है।

हालांकि, प्रतिवादियों की ओर से पेश अधिवक्ता ब्लेज़ के जोस ने उपरोक्त दावों का जोरदार खंडन किया।

कोर्ट ने पहले सिंगल जज के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

केस शीर्षक: भारत सरकार के सचिव बनाम किटेक्स गारमेंट्स लिमिटेड और अन्य

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