इस तथ्य पर न्यायिक ध्यान दिया कि असम राज्य में जहां तक COVID-19 महामारी की स्थिति है, वह बेहतर है: गुवाहाटी हाईकोर्ट
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह इस तथ्य पर न्यायिक ध्यान दिया कि असम राज्य में जहां तक COVID-19 महामारी की स्थिति है, वह बेहतर है।
मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की खंडपीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने 31 मार्च, 2020 (जब पहला मामला पता चला था) से असम राज्य में COVID -19 संक्रमित मामलों की संख्या में तेजी से प्रसार और वृद्धि को लेकर चिंता जताई थी।
कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया है और समय-समय पर मामले में कुछ निर्देश पारित किए गए हैं।
कोर्ट ने कहा कि,
"संक्रमण के दैनिक मामलों में भी गिरावट है और अन्य मापदंडों का भी सुझाव है कि स्थिति नियंत्रण में है। इसके साथ ही अगर हम एक पूरे देश स्तर पर तुलना करते हैं तो असम राज्य तुलनात्मक रूप से बेहतर है।"
हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि हमारे गार्डों को नहीं रखा जाना चाहिए।
इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि,
"यह पूरी तरह स्पष्ट है कि इस क्षेत्र में भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, द्वारा दिए गए सभी दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू किया गया।"
स्थिति के मद्देनजर कोर्ट ने यह महसूस किया कि इस मामले में किसी और निगरानी की आवश्यकता नहीं थी और इसलिए पीआईएल को तदनुसार बंद कर दिया गया था।
संबंधित खबरों में, गुवाहाटी की खंडपीठ ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एन. कोटिसवार सिंह और न्यायमूर्ति मनीष चौधरी की खंडपीठ ने पिछले महीने वरिष्ठ कांग्रेस नेता देवव्रत सैकिया की जनहित याचिका में गैर-COVID रोगियों के उपचार में राज्य अस्पतालों के इंकार के खिलाफ असम सरकार को नोटिस जारी कर भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की थी।
केस का शीर्षक - तन्मय ज्योति महंत बनाम असम राज्य और अन्य तीन [PIL /53/2020]