पाटीदार आरक्षण आंदोलन मामले में हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज FIR खारिज

Update: 2025-10-02 11:05 GMT

गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार (29 सितंबर) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक हार्दिक पटेल के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट (NBW) रद्द कर दिया। हार्दिक ने वचन दिया कि वह अपने खिलाफ दर्ज 2018 की FIR से संबंधित मामले की कार्यवाही में शामिल होने के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित होंगे।

पटेल ने आपराधिक मामला संख्या 11926/2022 में अहमदाबाद (ग्रामीण) के प्रथम श्रेणी एडिशनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट का आदेश रद्द करने की मांग की थी, जिसमें उनकी उपस्थिति से छूट की याचिका खारिज की गई थी और उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। यह आपराधिक मामला पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में निकोल पुलिस स्टेशन में 2018 में दर्ज FIR से उत्पन्न हुआ था।

हाईकोर्ट के समक्ष पटेल ने लिखित वचनबद्धता प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया,

"मैं आपराधिक मामला संख्या 11926/2022 की कार्यवाही में उपस्थित रहने के लिए थर्ड एडिशनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, अहमदाबाद (ग्रामीण), नवरंगपुरा, अहमदाबाद के समक्ष उपस्थित रहूंगा/रहूंगी। उसके बाद आगामी तिथियों पर जब तक कि उक्त मामले के संबंध में निचली अदालत द्वारा छूट न दी जाए।"

इस पर ध्यान देते हुए जस्टिस निरजर देसाई ने अपने आदेश में कहा:

"आवेदक द्वारा आज दिए गए वचनबद्धता के मद्देनजर, जिसे अभिलेख में दर्ज करने का आदेश दिया गया, क्योंकि यह आश्वासन दिया गया कि आवेदक नियमित रूप से अदालती कार्यवाही में उपस्थित रहेगा/रहेगी, जब तक कि संबंधित ट्रायल कोर्ट द्वारा छूट न दी जाए, इस आवेदन को स्वीकार किया जाता है। संबंधित अदालत द्वारा आपराधिक मामला संख्या 11926/2022 में दिनांक 26.08.2025 के आदेश द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट रद्द और अपास्त किया जाता है। यह स्पष्ट किया जाता है कि इस न्यायालय ने मामले के गुण-दोष की जांच नहीं की है। तदनुसार, नियम को निरपेक्ष बनाया जाता है।"

इस प्रकार अदालत ने याचिका स्वीकार की।

Case title: HARDIK BHARATBHAI PATEL v/s STATE OF GUJARAT

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