गुजरात हाईकोर्ट ने कृषि उपज बाजार में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की सीआईडी ​​जांच की मांग वाली याचिका खारिज की

Update: 2022-07-11 07:19 GMT

Gujarat High Court

गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में कृषि उपज बाजार में "लाखों रुपये" की कथित भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं में सीआईडी ​​(आर्थिक अपराध विंग) या भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जैसी विशेष एजेंसी द्वारा जांच की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

जस्टिस निरजार देसाई ने कहा कि शिकायतकर्ता (आवेदक) अपना अधिकार स्थापित नहीं कर सका और वह यह नहीं बता सका कि आवेदन में नामित व्यक्तियों द्वारा किए गए कथित अपराधों से वह कैसे व्यथित है।

शिकायतकर्ता ने कपडवांज कृषि उपज मंडी समिति द्वारा अनियमितताओं का आरोप लगाया और कहा कि आज तक संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।

उसने शुरू में 2019 में उपज बाजार समिति में बाजार की अनियमितताओं के बारे में एक शिकायत प्रस्तुत की थी। उसने आवेदन दायर करके हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उक्त आवेदन को पुलिस प्राधिकरण को निर्देश के साथ निपटाया दिया गया था कि सबूत उपलब्ध होने पर मामले को देखें। अन्यथा आवेदक कानून के अनुसार उचित सहारा ले सकता है।

याचिकाकर्ता की शिकायत थी कि आदेश के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत कुछ विवरण मांगे, जिसमें कुछ अनियमितताओं के आधार पर जिला रजिस्ट्रार द्वारा कुछ व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया गया था। उक्त आदेश के विरूद्ध अपील की जाती है और वह विचाराधीन है।

हाईकोर्ट ने वर्तमान आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि यह सच है कि एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस अधिकारियों को कुछ निर्देश जारी किए गए थे। हालांकि, इसी आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि अपराध का संज्ञान लेने के लिए कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है तो पुलिस अधिकारियों को उसी के आवेदन को सूचित करना चाहिए।

आवेदक के आरटीआई पर जन सूचना अधिकारी के जवाब के अनुसार, गहन जांच की गई थी और अभी तक आवेदक द्वारा लगाए गए आरोपों के लिए कोई सबूत उपलब्ध नहीं है। इस प्रतिक्रिया को बाद में गुजरात सूचना आयोग के समक्ष आवेदन द्वारा चुनौती दी गई।

जस्टिस देसाई ने वर्तमान याचिका में कहा कि एफआईआर दर्ज करने के लिए कुछ भी नहीं मिला। इसके अलावा, दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई थी।

सिंगल जज बेंच ने टिप्पणी की:

"जहां तक ​​जांच के अनुसार जिला सहकारी रजिस्ट्रार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का संबंध है, जब उक्त रिपोर्ट के खिलाफ अपील संबंधित प्राधिकारी के समक्ष लंबित है तो इस न्यायालय के लिए इस संबंध में कोई निर्देश जारी करना उचित नहीं होगा। वही, विशेष रूप से तब जब जिला रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां इस न्यायालय के समक्ष पक्षकार न हों।"

इसी के साथ याचिका खारिज कर दी गई।

केस टाइटल: पटेल मनुभाई रामभाई बनाम गुजरात राज्य और एक अन्य

केस नंबर: R/SCR.A/8423/2020

ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




Tags:    

Similar News