गुवाहाटी हाईकोर्ट ने उचित पहचान दस्तावेज नहीं रखने वाले व्यक्तियों के वैक्सीनेशन पर राज्य सरकार से जवाब मांगा
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने उन व्यक्तियों के वैक्सीनेशन की स्थिति के संबंध में असम राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग से जवाब मांगा है, जिनके पास उचित पहचान दस्तावेज नहीं हैं।
मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति मनश रंजन पाठक की खंडपीठ ने असम सरकार को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने यह भी जवाब मांगा कि राज्य द्वारा ऐसे व्यक्तियों को COVID-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक किस तरीके से दी जाएगी।
कोर्ट ने आदेश दिया,
"स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सरकारी वकील दो सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दायर करेंगे। इस हलफनामा में इस अदालत को अवगत कराया जाएगा कि जिन लोगों के पास अपनी पहचान से संबंधित उचित दस्तावेज नहीं है, ऐसे कितने लोगों को वैक्सीन दिया गया है। इस स्थिति में ऐसे व्यक्तियों को COVID-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक कैसे और किस तरीके से दी जाएगी।"
इसके बाद मामले की सुनवाई 16 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई।
एक संबंधित समाचार में, न्यायालय ने हाल ही में जेल अधिकारियों को असम राज्य की विभिन्न जेलों के अंदर बंद उन कैदियों के वैक्सीनेशन का निर्देश दिया था, जिनको अभी तक वैक्सीन नहीं दी जा सकी है। इस संबंध में अदालत ने जेलों में बंद 11,398 व्यक्तियों के वैक्सीनेशन विवरण को सार्वजनिक करने वाली सूची पर ध्यान दिया था।
इसी तरह, राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार से पाकिस्तानी अल्पसंख्यक प्रवासियों के वैक्सीनेशन के लिए एक योजना तैयार करने को कहा था।
शीर्षक: सौरव पॉल बनाम भारत संघ और आठ अन्य
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