पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को 1999 में झारखंड कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित कोयला घोटाला मामले में दिल्ली की एक अदालत द्वारा तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई।
रे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री (कोयला) थे।
विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने उस समय के कोयला मंत्रालय के दो वरिष्ठ अधिकारियों प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम और कास्त्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल) के निदेशक महेंद्र अग्रवाल को भी तीन-तीन साल की जेल की सजा सुनाई है।
अदालत ने इन तीनों पर प्रत्येक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
इसके साथ ही अदालत ने सीएलटी पर 60 लाख रुपये और कास्त्रोन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।