भरण-पोषण का दावा फैसले की तारीख से नहीं आवेदन दाखिल करने की तिथि से प्रभावी होगा: झारखंड हाईकोर्ट

Update: 2022-01-12 09:30 GMT

झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि भरण-पोषण का दावा आवेदन दाखिल करने की तारीख से प्रभावी होगा न कि फैसले की तारीख से।

जस्टिस अनुभा रावत चौधरी ने इस मामले में रजनीश बनाम नेहा और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। साथ ही आवेदन की तिथि से मासिक भत्ते के भुगतान का निर्देश देते हुए आक्षेपित आदेश में संशोधन किया।

अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक पुनर्विचार आवेदन से यह मामला शुरू हुआ। इसमें न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता के आवेदन को स्वीकार कर लिया और विरोधी पक्ष को निर्णय पारित होने की तिथि से रुपये 1,500/- प्रति माह के मासिक भत्ते का भुगतान करने का निर्देश दिया।

हाईकोर्ट ने भरण-पोषण की मात्रा में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और भरण-पोषण के अनुदान की प्रभावी तिथि के मुद्दे को अपने हाथ में ले लिया। मुद्दा यह है कि क्या भरण-पोषण के अनुदान की प्रभावी तिथि आक्षेपित निर्णय पारित करने की तिथि से या भरण-पोषण आवेदन दाखिल करने की तिथि से होनी चाहिए।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अर्जुन एन. देव ने रजनीश बनाम नेहा और अन्य के मामले पर भरोसा किया। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया कि जिस तारीख को संबंधित अदालत के समक्ष आवेदन किया गया, उसी तारीख से भरण-पोषण दिया जाता है। रखरखाव का दावा करने के लिए आवेदन दाखिल करने की तारीख से पहले की तारीख होनी चाहिए, क्योंकि जिस अवधि के दौरान रखरखाव की कार्यवाही लंबित रही, वह आवेदक के नियंत्रण में नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा करते हुए हाईकोर्ट ने माना कि फैसले की तारीख के रूप में भरण-पोषण देने की प्रभावी तिथि, जैसा कि आक्षेपित निर्णय द्वारा निर्धारित किया गया है, कानून में अस्थिर है। कोर्ट ने आवेदन दाखिल करने की तिथि से निर्धारित मासिक भत्ते के भुगतान का निर्देश दिया।

केस टाइटल: रिंकी कुमारी @ अनीता कुमारी बनाम कुंदन कुमार @ कुंदन कुमार सिंह

ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




Tags:    

Similar News