लॉ इंटर्न के लिए यूनिफॉर्म ड्रेस कोड तय करने के लिए बैठक आयोजित करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली से कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) के अध्यक्ष से जिला बार संघों और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) सहित सभी हितधारकों की बैठक बुलाने को कहा, ताकि इंटर्न के लिए समान ड्रेस कोड के बारे में आम सहमति विकसित की जा सके।
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि चूंकि बड़ी संख्या में इंटर्न दिल्ली जिला अदालतों और हाईकोर्ट के परिसर में आते हैं, इसलिए सभी हितधारकों द्वारा समान नीति बनाई जानी चाहिए ताकि लॉ स्टूडेंट समान ड्रेस कोड पहन सकें, जो स्पष्ट रूप से वकीलों की पोशाक से अलग है।
जस्टिस सिंह ने कहा कि 12 दिसंबर को बैठक हो और कानूनी शिक्षा नियमावली, 2008 को ध्यान में रखते हुए आम सहमति बनाई जाए।
अदालत ने शाहदरा बार एसोसिएशन द्वारा जारी हालिया सर्कुलर के संचालन पर रोक लगाते हुए यह आदेश पारित किया। सर्कुलर में कहा गया कि कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले इंटर्न को सफेद शर्ट और नीला कोट और पतलून पहनना चाहिए।
सेकेंड ईयर के लॉ स्टूडेंट हार्दिक कपूर ने इस सर्कुलर को इस आधार पर चुनौती दी कि इसे बीसीआई और बीसीडी द्वारा निर्धारित प्रासंगिक नियमों के उल्लंघन में पारित किया गया।
सुनवाई के दौरान, बीसीआई के वकील ने 12 सितंबर, 2018 को एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश का उल्लेख किया, जिसमें रोहिणी बार एसोसिएशन द्वारा जारी इसी तरह के नोटिस में इंटर्न को काला कोट नहीं पहनने का निर्देश दिया गया था।
एडवोकेट उज्ज्वल घई, शिवेक राय कपूर, संचित सैनी और अर्पित शर्मा के माध्यम से याचिका दायर की गई।
याचिका में तर्क दिया गया कि विवादित सर्कुलर इंटर्न पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डालेगा, जो पहले से ही बिना किसी वजीफे के या अल्प राशि के वजीफे के साथ काम कर रहे हैं।
केस टाइटल: हार्दिक कपूर बनाम बार काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य