दिल्ली हाईकोर्ट ने नेपाल की नाबालिग बलात्कार पीड़िता को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी की अनुमति दी

Update: 2023-04-28 05:59 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नेपाल की नाबालिग बलात्कार पीड़िता को 27 सप्ताह की प्रेग्नेंसी को मेडिकली टर्मिनेट कराने की अनुमति दी।

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने आदेश दिया,

"इस तथ्य के मद्देनजर कि बच्चा और परिवार नेपाली नागरिक हैं, यह अदालत निर्देश देती है कि एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा प्रेग्नेंसी को जल्द से जल्द टर्मिनेट किया जाए।"

अदालत पीड़िता की मां की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उसने अपनी नाबालिग बेटी का मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

मां का मामला यह था कि उसकी बेटी के साथ पिछले साल अक्टूबर में नेपाल में क्रूर सामूहिक बलात्कार किया गया, जब वह और उसका पति दिल्ली में काम कर रहे थे।

अदालत को बताया गया कि नाबालिग लड़की को मार्च में अपने माता-पिता के पास भारत आने के बाद पता चला कि वह गर्भवती है।

हालांकि, जब तक उसने प्रेग्नेंसी को टर्मिनेट करने के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया, तब तक प्रेग्नेंसी की अवधि 25 सप्ताह हो चुकी थी।

सुनवाई के दौरान, एलएनजेपी अस्पताल के दो डॉक्टरों ने अदालत को सूचित किया कि हालांकि मेडिकल बोर्ड की राय है कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी को आगे बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इसमें नाबालिग पीड़िता के लिए जोखिम है, क्योंकि उसका हीमोग्लोबिन स्तर कम है और प्रेग्नेंसी अवधि 27 सप्ताह की है।

अदालत को यह भी बताया गया कि मां और नाबालिग पीड़िता दोनों को शामिल जोखिम के बारे में सूचित कर दिया गया। याचिकाकर्ता मां की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे जोखिमों के प्रति सचेत हैं।

मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी की अनुमति देते हुए अदालत ने अस्पताल की मेडिकल टीम को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि नाबालिग को सर्वोत्तम संभव देखभाल और पोस्ट ऑपरेटिव देखभाल दी जाए, जिससे वह ठीक हो जाए और उसके बाद ही उसे छुट्टी दी जा सके।

अदालत ने कहा,

"मामले के अजीबोगरीब तथ्यों और परिस्थितियों में आदेश पारित किया जा रहा है। परिवार ने [अदालत] को आश्वासन दिया है कि अगर बच्चा जीवित पैदा होता है तो परिवार उसकी पर्याप्त देखभाल करेगा ...।"

केस टाइटल: जीडीएन बनाम जीएनसीटीडी

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