गुवाहाटी हाईकोर्ट में संविधान दिवस मनाया गया

Update: 2021-11-27 05:59 GMT

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अपने इतिहास में पहली बार शुक्रवार को भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में संविधान दिवस मनाया। कार्यक्रम का आयोजन गुवाहाटी हाईकोर्ट द्वारा गुवाहाटी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और अधिवक्ता संघ के सहयोग से किया गया।

गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया ने इस अवसर पर बोलते हुए संविधान की प्रस्तावना में प्रयुक्त शब्दों पर व्यापक रूप से बात की। संवैधानिक विकास की सराहना करने के अलावा, उन्होंने 4 नवंबर, 1948 (संविधान के प्रारूप की प्रस्तुति के समय) और 25 नवंबर, 1949 को (संविधान को अपनाने से एक दिन पहले) डॉ बीआर अंबेडकर के दो विद्वानों के भाषणों पर जोर दिया।

पहला भाषण राष्ट्र के प्रति संवैधानिक मूल्यों पर केंद्रित है। भाषण में कहा गया कि लचीला और मजबूत संविधान होने के कारण यह शांति के समय के साथ-साथ युद्ध के समय में भी काम करने योग्य संविधान है। भारतीय संविधान के वास्तुकार के भाषण का जिक्र करते हुए माई लॉर्डशिप ने उल्लेख किया कि आने वाले समय में संवैधानिक आदर्शों की किसी भी विफलता के लिए देश की जनता का ही दोष होगा।

संविधान निर्माता अंबेडकर के अन्य उल्लेखनीय भाषण का हवाला देते हुए माई लॉर्डशिप ने डॉ बी आर अम्बेडकर के विचार को दोहराता हुए कहा कि जब तक हम सामाजिक और आर्थिक समानता को सुरक्षित नहीं करते तब तक राजनीतिक समानता की हमारी खोज अधूरी रहेगी। हमें सामाजिक और आर्थिक समानता हासिल करनी है, जहां स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व एक त्रिमूर्ति के रूप में काम करते हैं।

प्रस्तावना में प्रयुक्त 'भ्रातृत्व' शब्द पर प्रकाश डालते हुए माई लॉर्डशिप ने कहा कि यद्यपि इस शब्द के अर्थ पर अन्य शब्दों की तुलना में अधिक चर्चा नहीं की गई है, पर यह न्याय, समानता और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपरिहार्य शब्द है।

न्यायमूर्ति मनश रंजन पाठक ने इससे पहले इस अवसर पर स्वागत भाषण दिया और संविधान दिवस के महत्व के बारे में बताया।

जस्टिस माइकल ज़ोथनखुमा ने सभी वक्ताओं को उनके त्रुटिहीन पते और सभी हितधारकों को उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए प्रबुद्ध करने के लिए धन्यवाद दिया।

गुवाहाटी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेन्द्र नाथ सरमा और गुवाहाटी हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ के सदस्य जगदीश चंद्र चौधरी ने भी इस अवसर पर सभा को संबोधित किया।

इस भव्य कार्यक्रम में गुवाहाटी हाईकोर्ट के न्यायाधीश, असम के महाधिवक्ता, असम और अरुणाचल प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता, ए.एस.जी. भारत के उत्तर पूर्व बार काउंसिल के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, बार के सदस्य और रजिस्ट्री के सदस्य मौजूद रहे।

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