इलाहाबाद हाईकोर्ट ने युवा जोड़े और उनके परिवार वालों को मिलाने के लिए पूरे दिन का समय दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह अपने स्तर पर पूरी कोशिश की, कि दो परिवारों को फिर से एक मामले में आपस में उत्पन्न विवादों को सुलझाकर एक साथ लाया जाए। इसमें पत्नी और उनके पति ने कोर्ट के सामने कहा कि वे सभी पुराने मतभेदों और बुरे सपने को दूर करना चाहते हैं।
न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने कहा कि,
"हम आम तौर पर इस तरह के अपराध से संबंधित विवाद में नोटिस जारी नहीं करते हैं, लेकिन अब हम महसूस करते हैं कि राज्य के सर्वोच्च न्यायालय में लोगों को हमसे अधिक उम्मीद है। वे ट्रायल न्यायपालिका से जितना चाहते थे, उससे अधिक हमसे चाहते हैं।"
कोर्ट एक युवा जोड़े और उनके परिवार के बीच विवाद से निपट रहा था, जिसमें पक्ष लगभग दो साल से एक दूसरे से दूर हैं।
कोर्ट के आदेश के अनुसार बेंच ने दो दिन का समय यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित किया कि युवा जोड़े के परिवार को एकजुट किया जाए और इससे पहले उपस्थित सभी संबंधित व्यक्तियों से अनुरोध किया जाए कि वे अतीत के खराब दौर को खत्म करें और भविष्य की ओर देखें।
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि,
"निपटारन के लिए जो हम कर रहे हैं, हमारे लिए एक निपटारन से अधिक है। क्योंकि हमें लगता है कि हमने युवा जोड़े और उनके माता-पिता के लिए वास्तविक न्याय किया है।"
कोर्ट ने आगे कहा कि,
"दंपति की शादी की सालगिरह 25 जनवरी 2021 को है और पक्षकारों के बीच तय किया गया है और हमें यह नोट करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लड़की अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ उस दिन कानपुर में लड़के के घर जाएगी। हम वास्तव में बहुत खुश हैं। लड़की के पिता भी इस प्रस्ताव के लिए सहमत हो गए हैं। ससुर, सास और अन्य रिश्तेदार भी देखेंगे कि सौहार्दपूर्ण और अच्छा वातावरण बना है।"
कोर्ट ने यह भी उम्मीद जताई कि पति को 2 फरवरी 2021 को या उससे पहले उपयुक्त और उनके अनुसार COVID-19 के दौरान रहने योग्य आवास का पता लगाएगा। दरअसल, उन्होंने पुणे के किराए के आवास को खाली कर दिया था और उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया था कि वह उसकी भविष्य की योजना के बारे में न्यायालय को सूचित करेंगे।
इसे देखते हुए मामले को आगे के लिए 2 फरवरी 2021 को सूचीबद्ध किया गया है।
अंत में कोर्ट ने कहा कि किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने का पूर्व का आदेश जारी रहेगा क्योंकि शिकायतकर्ता हमारे सामने मौजूद है और उसने यह बता दिया है कि वह सभी पुराने मतभेदों और बुरे सपने को दूर करना चाहती है।
केस का शीर्षक - उषा अनुरागी और अन्य तीन बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य दो [ Criminal Misc. Writ Petition No. 64 of 2021]
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