आरोग्य सेतु : गृह मंत्रालय ने एप अनिवार्यता की शर्त को नरम किया कहा, नियोक्ता उपयुक्त फ़ोन में इसका प्रयोग सुनिश्चित करें
केंद्र सरकार द्वारा 18 से 31 मई तक लॉकडाउन के चौथे चरण की घोषणा की गई। लॉकडाउन के चौथे चरण की एक विशेषता यह है कि इसमें 'आरोग्य सेतु' के आवश्यक प्रयोग में ढील दी गई है। यह एप COVID -19 महामारी को देखते हुए नेशनल इन्फ़र्मैटिक्स सेंटर ने बनाया है।
निर्देश में कहा गया है :
"कार्यालयों और काम करने की जगह पर सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए नियोक्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपयुक्त फ़ोन में आरोग्य सेतु हो।" इसमें आगे कहा गया है, "ज़िला अथॉरिटी लोगों से आरोग्य सेतु को अपने फ़ोन में इंस्टॉल करने की सलाह दे सकती है और उन्हें अपने स्वास्थ्य के बारे में अपडेट करते रहने की बात कह सकते हैं।"
इससे पहले 1 मई के निर्देश में सरकार ने यह कहा था कि यह ज़रूरी है। इस निर्देश का उल्लंघन करने पर लोगों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 188 और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के दंडात्मक प्रावधानों के तहत आपराधिक कार्रवाई हो सकती थी।
नए दिशा निर्देश में यह भी कहा गया है कि इससे पहले जितने भी निर्देश जारी हुए थे वे अब प्रभावी नहीं रहेंगे।
केरल हाईकोर्ट में आरोग्य सेतु के आवश्यक प्रयोग के ख़िलाफ़ कई याचिकाएं दायर की गई हैं और इनमें कहा गया है कि यह निर्देश मनमाना है क्योंकि सभी लोगों के पास स्मार्ट फ़ोन नहीं होता।
इस मामले की 12 मई को हुई सुनवाई अदालत ने सरकार से मौखिक रूप से इस आवश्य प्रयोग के बारे में इस निर्देश की व्यावहारिकता के बारे में पूछा था। अदालत ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने सही चिंता व्यक्त की है। अदालत ने केंद्र से भी इस चिंता पर जवाब देने को कहा था।
पहले के निर्देश की तुलना में इस बार का निर्देश परामर्श के रूप में है।