भर्ती प्रक्रिया | किसी विशिष्ट नियम के अभाव में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि, पात्रता मानदंड को पूरा करने की अंतिम तिथि : सुप्रीम कोर्ट

Update: 2023-10-13 14:13 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किय है कि जहां किसी विशिष्ट नियम या सुझाव का अभाव हो, वहां आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख, पात्रता पूरी करने की आखिरी तारीख होगी।

कोर्ट ने इन्हीं टिप्पण‌ियों के साथ सिविल सेवा परीक्षा 2022 के उन अभ्यर्थियों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) में आरक्षण का लाभ देने से इनकार कर दिया, जिन्होंने निर्धारित कट-ऑफ डेट से पहले निर्धारित प्रारूप में आय और संपत्ति प्रमाण पत्र अपलोड नहीं किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में अशोक कुमार शर्मा बनाम चंदर शेखर (1997) 4 एससीसी 18 और राम कुमार गिजरोया बनाम दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड और (2016) 4 एससीसी 754 में तीन जजों की पीठ के फैसले के बीच विरोधाभास को भी स्वीकार किया। हालांकि, कोर्ट ने अशोक कुमार शर्मा के मामले में तीन जजों की पीठ के फैसले में तय सिद्धांत को दोहराया और निष्कर्ष निकाला कि वह इससे बंधा हुआ है।

ज‌‌स्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने उन याचिकाकर्ताओं के मामले का फैसला कर रहे थे, जिन्होंने परिणाम के बाद उन्हें सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के रूप में मानने के यूपीएससी के फैसले को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि यह कार्रवाई मनमानी और संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 21 का उल्लंघन है। न्यायालय का फैसला सीएसई नियम, 2022 की व्याख्या और पात्रता पूरी करने की अंतिम तिथि के निर्धारण पर केंद्रित था।

न्यायालय ने पात्रता मानदंड के लिए एक सुसंगत दृष्टिकोण स्थापित करने के लिए पिछले कई मामलों का भी उल्लेख किया।

मौजूदा मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि सीएसई-2022 के रूप में स्पष्ट नियम मौजूद थे, जो कट-ऑफ डेट प्रदान करते थे। आंध्र प्रदेश लोक सेवा आयोग बनाम बी शरत चंद्र (1990)2 एससीसी 669 का हवाला देते हुए अदालत ने जोर देकर कहा कि चयन के अंतिम चरण तक पात्रता के निर्धारण को अनिश्चित नहीं छोड़ा जा सकता है, क्योंकि इससे अस्पष्टता और भ्रम पैदा होगा। यह दृष्टिकोण मामले के अनुरूप था।

अदालत ने रेखांकित किया कि वर्तमान मामले में नियम 13 के तहत उम्मीदवारों को 15 जुलाई 2022 तक अपने पात्रता प्रमाण पत्र अपलोड करने की आवश्यकता है। नियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आवश्यक दस्तावेजों को देरी से जमा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसने पात्रता मानदंडों को पूरा करने के लिए निर्धारित समय सीमा का पालन करने की आवश्यकता की पुष्टि की।

इस डिफ़ॉल्ट तिथि को न्यायिक रूप से मान्यता दी गई है। वर्तमान मामले में, आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि नियमों में कट-ऑफ के रूप में निर्धारित की गई थी, और अदालत ने अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) के उल्लंघन का कोई मामला नहीं पाया।

केस टाइटल: दिव्या बनाम यूनियन ऑफ इंडिया | विमलोक तिवारी बनाम यूपीएससी| वेद प्रकाश सिंह बनाम यूपीएससी

साइटेशन: 2023 लाइवलॉ (एससी) 879


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