सुप्रीम कोर्ट ने सिविल जजों की भर्ती पीएससी से कराने की हरियाणा सरकार की याचिका खारिज की, कहा-'न्यायिक सेवा की जरूरतों को समझने के लिए हाईकोर्ट सबसे उपयुक्त'
सुप्रीम कोर्ट ने हाल में हरियाणा सरकार की ओर से दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें जूनियर सिविल जजों का चयन, चयन समिति, जिसमें हाईकोर्ट के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, के बजाय राज्य लोक सेवा आयोग के जरिए कराने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय में कहा कि हाईकोर्ट न्यायिक सेवाओं की जरूरतों को समझने के लिए सबसे उपयुक्त है।
कोर्ट ने कहा, "चयन प्रक्रिया में शामिल हाईकोर्ट के जजों को विषय और सेवा की प्रकृति दोनों का ज्ञान होता है।"
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ न्यायिक रिक्तियों से संबंधित मलिक मजहर सुल्तान बनाम यूपी लोक सेवा आयोग में हरियाणा राज्य द्वारा दायर एक आवेदन पर विचार कर रही थी।
राज्य सरकार की मांग थी कि भर्ती हरियाणा लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाए। सुप्रीम कोर्ट के एक पिछले आदेश में सुधार किया जाए, जिसके तहत मौखिक परीक्षा के लिए एक चयन समिति का गठन किया जाता है, जिसमें हाईकोर्ट के तीन प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कई राज्यों ने पहले ही चयन प्रक्रिया हाईकोर्ट को सौंप दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
"यदि राज्य सरकार स्थिति में कोई बदलाव लाना चाहती है, तो यह उस पर है कि वह हाईकोर्ट से परामर्श करने और वस्तुनिष्ठ डेटा पेश करे जिसके आधार पर चयन परीक्षा और प्रक्रिया की देखरेख में हाईकोर्ट की भागीदारी को निरस्त किया जा सके। इसलिए हमारा विचार है कि राज्य सरकार ने 2007 से अपनाई जा रही कार्रवाई से हटने के लिए इस न्यायालय के समक्ष पर्याप्त सामग्री नहीं रखी है।"
175 पदों पर शीघ्र भर्ती का निर्देश
इसके अलावा, न्यायालय ने हरियाणा सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया कि जूनियर सिविल जज पदों की रिक्तियां शीघ्रता से भरी जाएं। यह रेखांकित करते हुए कि जूनियर सिविल जजों की 175 मौजूदा रिक्तियों को जल्द से जल्द भरने की "तत्काल आवश्यकता" है, पीठ ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए दो सप्ताह के भीतर आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया कि भर्ती एक समिति द्वारा की जाए जिसमें i) मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित हाईकोर्ट के तीन जज; (ii) हरियाणा राज्य के मुख्य सचिव; (iii) हरियाणा के महाधिवक्ता; और (iv) हरियाणा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष शामिल हों।
केस टाइटल: मलिक मज़हर सुल्तान और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, अपने सचिव के माध्यम से, और अन्य सीए नंबर 1867/2006
साइटेशन: 2023 लाइव लॉ (एससी) 832