जानिए कोर्ट में वकीलों को किन गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है

सुप्रीम कोर्ट बार के सदस्य सर्वोच्च न्यायालय की संस्था के विकास में समान भागीदार हैं, वैसे ही जैसे सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश हैं।

Update: 2022-08-02 10:30 GMT

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री अधिकारियों द्वारा अधिवक्ताओं के साथ अशिष्ट व्यवहार और केस लिस्टिंग के लिए पिक और चूज़ रवैया सुप्रीम कोर्ट के बार सदस्यों, नामित वरिष्ठ अधिवक्ताओं और एओआर के लिए काफी परेशानी का सबब बन गया है। बार के सदस्यों और उसके नेताओं द्वारा सुप्रीम कोर्ट में विशेष रूप से जरूरी मामलों को दाखिल करने, रीफाइलिंग करने और सूचीबद्ध करने में समस्याओं का सामना करने वाले वकीलों के लिए एक समर्पित निवारण विंडो खोलने का निरंतर अनुरोध लंबित है और अभी भी इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट सचिवालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री अधिकारियों का इस तरह का व्यवहार वकीलों और उनके कर्मचारियों के उत्पीड़न के अलावा और कुछ नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के पहले से ही स्थायी नियमित सदस्यों को, गेट पर तैनात पुलिस अधिकारियों द्वारा एंट्री हेतु परॉक्ज़िमिटी कार्ड और गेट पास सत्यापन के साथ शरीर और समान की जांच आदि, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य परिसर में प्रवेश करते समय ऐसी बाधाओं का सामना करना पड़ता है। सम्मानित बार सदस्यों, के साथ ऐसा व्यवहार, जो इस सम्मानित संस्था का अभिन्न अंग हैं, पूरी तरह से अनावश्यक और अत्यधिक आपत्तिजनक है।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, बार-बार सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करने के बावजूद, मुख्य भवन के आसपास पार्किंग की जगह, युवा वकीलों के लिए कक्ष और बैठने की जगह और स्थायी समर्पित निवारण खिड़की जैसी बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से खाली हाथ है। सुप्रीम कोर्ट विस्टा का विचार ऐसी समस्याओं का समाधान कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट विस्टा के इस विचार के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही एक याचिका लंबित है।

साथ ही, आजकल चल रही, सुप्रीम कोर्ट द्वारा सदस्यों के नए प्रॉक्सिमिटी कार्ड के लिए आवेदन करने और बनाने की ऑनलाइन प्रणाली, बहुत कठिन है और अधिकांश समय उनका सर्वर और वेबसाइट डाउन रहता है। प्रॉक्सिमिटी कार्ड के लिए आवेदन करते समय पुराने वरिष्ठ अधिवक्ताओं, जिनको टेक्नोलॉजी का ज़्यादा ज्ञान नहीं है, को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

मुख्य और नए परिसर में प्रवेश के लिए एससीबीए सदस्यता कार्ड की गैर-मान्यता एक और गम्भीर मुद्दा है जिस पर सर्वोच्च न्यायालय सचिवालय को तुरंत गौर करना चाहिए और इसे प्रॉक्सिमिटी कार्ड के समान वैध और मान्य मानना चाहिए।

कोर्ट रूम के अंदर सुबह 10 बजे से पत्रकारों और इंटर्न द्वारा कई सीटों पर कब्जा कर लिया जाता है और अधिकांश समय पुराने वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अपने स्वयं के मामलों को बुलाए जाने तक अपने पैरों पर खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है।

ये बहुत ही बुनियादी समस्याएं हैं जिन पर न केवल सुप्रीम कोर्ट सचिवालय को बल्कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को भी तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

याद रखें, सुप्रीम कोर्ट बार के सदस्य सर्वोच्च न्यायालय की संस्था के विकास में समान भागीदार हैं, वैसे ही जैसे सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश हैं। इस महान संस्था की जड़ों को मजबूत करने के लिए दोनों को मिलकर काम करने की जरूरत है।

लेखक एडवोकेट ईलीन सारस्वत हैं। ईलीन सारस्वत सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं।

Advocate ILIN SARASWAT, Supreme Court

Twitter: @iamAttorneyILIN

यह लेखक के निजी विचार हैं।

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