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BNS 2023 के अंतर्गत शर्तों का उल्लंघन, न्यायिक कार्यवाही में व्यवधान, असलियत से विपरीत पहचान और जमानत उल्लंघन के परिणाम धारा 266 - 269
BNS 2023 के अंतर्गत शर्तों का उल्लंघन, न्यायिक कार्यवाही में व्यवधान, असलियत से विपरीत पहचान और जमानत उल्लंघन के परिणाम धारा 266 - 269

भारतीय न्याय संहिता 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023), जो 1 जुलाई 2024 से प्रभाव में आई है, भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) का स्थान ले चुकी है। यह संहिता भारत के आपराधिक न्याय तंत्र को अधिक व्यवस्थित और सुसंगठित बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है।संहिता में उल्लिखित कुछ मुख्य प्रावधानों में शर्तों के उल्लंघन, न्यायिक कार्यवाही में व्यवधान, असलियत से विपरीत पहचान और जमानत उल्लंघन शामिल हैं। धारा 266 से 269 तक इन अपराधों के लिए विशेष दंड का प्रावधान किया गया है। धारा 266: दंड माफी की शर्त...

आर्बिट्रेशन एंड कॉन्सिलिएशन एक्ट में आर्बिट्रेशन एग्रीमेंट क्या होता है?
आर्बिट्रेशन एंड कॉन्सिलिएशन एक्ट में आर्बिट्रेशन एग्रीमेंट क्या होता है?

आर्बिटेशन एंड कॉन्सिलिएशन एक्ट में आर्बिटेशन एग्रीमेंट जैसा कॉन्सेप्ट दिया गया है। पार्टी के बीच किसी डिस्प्यूट किसी मध्यस्थता को सौंपने का करार आर्बिटेशन एग्रीमेंट वर्तमान के विवादों या भविष्य के विवादों के सन्दर्भ में हो सकता है।धारा 7 उपबन्धित करती है कि 'इस भाग में आर्बिटेशन एग्रीमेंट' से अभिप्रेत है एक ऐसा करार जो पक्षकारों द्वारा उन सभी अथवा कुछ विवादों को, जो उनमें एक परिभाषित विधिक संबंध से जन्म लेेते है को प्रेषित किये जाने हेतु किया गया हो।इस परिभाषा में यह स्पष्ट है कि जो विवाद...

क्या सेवा में कार्यरत न्यायिक अधिकारी सीधे डिस्ट्रिक्ट जज की भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं? – विजय कुमार मिश्रा मामले का विश्लेषण
क्या सेवा में कार्यरत न्यायिक अधिकारी सीधे डिस्ट्रिक्ट जज की भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं? – विजय कुमार मिश्रा मामले का विश्लेषण

सुप्रीम कोर्ट के फैसले विजय कुमार मिश्रा और अन्य बनाम पटना हाईकोर्ट और अन्य, Civil Appeal No. 7358 of 2016 में, संविधान के अनुच्छेद 233(2) (Article 233(2)) की व्याख्या स्पष्ट की गई। इस मामले का मुख्य प्रश्न यह था कि क्या कोई वर्तमान में कार्यरत न्यायिक अधिकारी बिना इस्तीफा दिए सीधे District Judge की भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकता है।यह लेख इस फैसले में न्यायालय द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण संवैधानिक (Constitutional) प्रावधानों और मुद्दों का विश्लेषण करता है। अनुच्छेद 233(2) के प्रावधानों...