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मनमानी गिरफ्तारी के लिए पुलिस को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए : जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर [वीडियो इंटरव्यू]
मनमानी गिरफ्तारी के लिए पुलिस को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए : जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर [वीडियो इंटरव्यू]

एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने मनमानी गिरफ्तारी, राजनीतिक रूप से प्रेरित मामलों में जमानत देने के लिए मजिस्ट्रेट की अनिच्छा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता और बोलने की स्वतंत्र के संरक्षण के महत्व से संबंधित मुद्दों पर लाइव लॉ के मैनेजिंग एडिटर मनु सेबेस्टियन के साथ एक साक्षात्कार में चर्चा की। एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने ऑल्ट न्यूज़ के सहसंस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज छह एफआईआर के मामले में सुप्रीम कोर्ट में ज़ुबैर की पैरवी करते हुए दलीलें पेश की थीं।सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यूपी...

पेट्रोल पंप पर ईंधन खरीदने के अलावा और क्या हैं ग्राहकों के अधिकार? जानने के लिए देखें वीडियो
पेट्रोल पंप पर ईंधन खरीदने के अलावा और क्या हैं ग्राहकों के अधिकार? जानने के लिए देखें वीडियो

भारत में आज के समय में पेट्रोल-डीजल यानी ईंधन के दामों के उतार-चढ़ाव की सबसे ज्यादा चर्चा होती है। लोग हर रोज़ सुबह उठते ही अपने मोबाइल पर सबसे पहले यह जानने की कोशिश करते हैं कि आज उनके शहर में पेट्रोल-डीजल के क्या रेट हैं? लेकिन जब आप पेट्रोल पंप पर पेट्रोल या डीजल लेने जाते हैं तो क्या वहां केवल पेट्रोल-डीजल ही मिलता है या कुछ और भी? पेट्रोल पंप पर ईंधन के अलावा ऐसा क्या कुछ है जिसके बारे में जानना आपका अधिकार है? लाइव लॉ आपके लिए लेकर आया है ऐसे ही अधिकारों के बारे में कुछ नवीनतम...

महिलाओं के खिलाफ अपराध : क्या हैं कानूनी प्रावधान और कैसे इनका सहारा ले सकते हैं (वीडियो)
महिलाओं के खिलाफ अपराध : क्या हैं कानूनी प्रावधान और कैसे इनका सहारा ले सकते हैं (वीडियो)

दुनिया भर में समय-समय पर महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठती रही है। भारत में महिलाएं सामाजिक रीति-रिवाजों द्वारा शोषित और दमित होती रही हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व भी महिलाओं पर अत्याचारों की संख्याओं में कोई कमी नहीं थी तथा स्वतंत्रता के बाद भी महिलाओं के संबंध में अत्याचार और अपराध निरंतर घटित हो रहे थे। इन अपराधों के निवारण में कमी एवं इन पर रोक हेतु सशक्त विधान की आवश्यकता थी तथा भारतीय संसद में महिलाओं के संबंध में ऐसे विधान को बनाने से तनिक भी संकोच नहीं किया है। समय-समय पर भारतीय...

जजों के खिलाफ निजी हमले कानून के शासन को नुकसान पहुंचाते हैं: जस्टिस परदीवाला ने सोशल और डिजिटल मीडिया के नियमन की मांग की
'जजों के खिलाफ निजी हमले कानून के शासन को नुकसान पहुंचाते हैं': जस्टिस परदीवाला ने सोशल और डिजिटल मीडिया के नियमन की मांग की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज जस्टिस पारदीवाला (Pardiwala) ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए सोशल और डिजिटल मीडिया पर हो रहे जजों के खिलाफ व्यक्तिगत हमलों पर चिंता व्यक्त की। और कहा कि इससे खतरनाक परिदृश्य पैदा होगा।जज ने यह भी कहा कि कानून के शासन के लिए मीडिया ट्रायल सही नहीं है।आगे कहा,"भारत में, जिसे पूरी तरह से परिपक्व या सूचित लोकतंत्र के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है, सोशल डिजिटल मीडिया को अक्सर पूरी तरह से कानूनी और संवैधानिक मुद्दों का राजनीतिकरण करने के लिए नियोजित...

अग्निपथ योजना क्या है? पीआईएल क्यों दाखिल की गई? जानिए एक्सपर्ट की राय (वीडियो)
अग्निपथ योजना क्या है? पीआईएल क्यों दाखिल की गई? जानिए एक्सपर्ट की राय (वीडियो)

केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना पर इन दिनों बहुत विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया को लेकर लाई गई अग्निपथ योजना की देश के कई भागों में आलोचना हो रही है और सुप्रीम कोर्ट में इस योजना पर रोक लागाने के लिए कई जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दाखिल की गई हैं। एक जनहित याचिका में सशस्त्र बलों के लिए अग्निपथ भर्ती योजना की तर्कसंगतता की जांच करने के लिए एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन की भी मांग की गई है।एक अन्य याचिका में कहा गया है...