सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

Shahadat

11 Jun 2023 6:30 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

    सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (05 जून, 2023 से 09 जून, 2023 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।

    बीसीआई यह निर्धारित कर सकती है कि केवल मान्यता प्राप्त लॉ कॉलेजों से ग्रेजुएट ही वकील के रूप में इनरोलमेंट कर सकते हैं : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उड़ीसा हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) यह शर्त नहीं लगा सकती है कि किसी व्यक्ति को एक वकील के रूप में नामांकन के लिए किसी मान्यता प्राप्त लॉ कॉलेज से ग्रेजुएट होना चाहिए।

    बार काउंसिल ऑफ इंडिया बनाम बोनी फोई लॉ कॉलेज और अन्य (जिसने अखिल भारतीय बार परीक्षा को बरकरार रखा) में हाल के संविधान के फैसले पर भरोसा करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने कहा कि एक वकील के रूप में नामांकन के लिए बीसीआई द्वारा बनाए गए नियम अमान्य के रूप में नहीं देखा जा सकता।

    केस टाइटल : बार काउंसिल ऑफ इंडिया बनाम रबी साहू और अन्य सिविल अपील नंबर 8571/2013

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    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में रैपिडो, उबर जैसे बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर्स को अनुमति देने पर केंद्र के विचार मांगे; बीमा कवरेज के बारे में पूछा

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है, जिसमें बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर रैपिडो और उबर को एग्रीगेटर लाइसेंस के बिना बाइक-टैक्सी संचालित करने की अनुमति दी गई थी, जब तक कि अंतिम नीति अधिसूचित नहीं हो जाती।

    जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की एक अवकाश पीठ दिल्ली सरकार द्वारा दायर एक विशेष अवकाश याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें रैपिडो और उबर के खिलाफ जारी नोटिस पर रोक लगा दी गई थी।

    केस टाइटल: जीएनसीटीडी बनाम रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड

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    वाईएस विवेकानंद रेड्डी मर्डर केस: सुप्रीम कोर्ट वाईएस अविनाश रेड्डी की जमानत याचिका पर 13 जून को सुनवाई करेगा

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को विवेकानंद रेड्डी मर्डर केस में कडप्पा सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी को अग्रिम जमानत देने वाले तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को 13 जून को सूचीबद्ध किया। याचिका वाईएस विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता रेड्डी ने दायर की। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाश पीठ के समक्ष वरिष्ठ एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने इस मामले का उल्लेख किया।

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    शराब घोटाला मामला : सुप्रीम कोर्ट ने मगुनता राघव रेड्डी की अंतरिम जमानत संशोधित की; 12 जून को सरेंडर करने का निर्देश दिया

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश में संशोधन किया जिसमें युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के सांसद मगुनता श्रीनिवासुलु के बेटे मगुनता राघव रेड्डी को 15 दिनों की अंतरिम जमानत दी गई थी।

    हालांकि जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने रेड्डी को दी गई जमानत को रद्द नहीं किया, उसने उन्हें 12 जून 2023 को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। आदेश को संशोधित किया गया क्योंकि पीठ ने कहा कि जिस उद्देश्य के लिए रेड्डी को रिहा किया गया था, यानी अपने नाना की देखभाल के लिए जो फिसल गए थे और अब आईसीयू में थे, 12 जून 2023 तक उनकी सेवा की जा सकती थी।

    केस टाइटल: प्रवर्तन निदेशालय बनाम राघव मगुंटा | एसएलपी (सीआरएल) नंबर 7280/2023

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    सुप्रीम कोर्ट ने नीलगिरी कोर्ट परिसर में महिला वकीलों के लिए शौचालयों के मुद्दे पर मद्रास हाईकोर्ट से रिपोर्ट मांगी

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मद्रास हाई कोर्ट प्रशासन को निलगिरी कोर्ट परिसर में महिला वकीलों के लिए शौचालय परिसरों की कमी के मुद्दे पर अपने रजिस्ट्रार जनरल से विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने उल्लेख किया कि जबकि रजिस्ट्रार जनरल ने पहले इस मामले में रिपोर्ट दायर की थी, उक्त रिपोर्ट में विस्तार से यह नहीं बताया गया कि नए अदालत परिसर में महिला वकीलों के लिए किस तरह की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं और क्या कोई चिंताएं थीं। या ऐसी सुविधाएं, जो पहले उपलब्ध थीं। रिपोर्ट रविवार, 11 जून 2023 तक जमा करनी है।

    केस टाइटल: वीमेन लॉयर्स एसोसिएशन ऑफ नीलगिरी बनाम द रजिस्ट्रार, मद्रास हाई कोर्ट व अन्य | डब्लू.पी.(सी) नंबर 511/2023 में एमए 1378/2023

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    सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में इंटरनेट शटडाउन को चुनौती देने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मणिपुर राज्य में इंटरनेट शटडाउन करने को चुनौती देने वाली याचिका की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाश पीठ के समक्ष 3 मई 2023 से मणिपुर राज्य में जारी इंटरनेट प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका का उल्लेख एडवोकेट शादान फरासत ने किया। हालांकि, यह देखते हुए कि मामला पहले से ही मणिपुर हाईकोर्ट के समक्ष चल रहा है, अवकाश पीठ ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और फरासत को नियमित अदालत के समक्ष मामले का उल्लेख करने के लिए कहा।

    केस टाइटल: चोंगथम विक्टर सिंह और अन्य बनाम मणिपुर राज्य

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    धारा 319 सीआरपीसी| जिस व्यक्ति का नाम एफआईआर में नहीं है, अगर उसकी संलिप्तता के पर्याप्त सबूत हैं, तो उसे आरोपी के रूप में जोड़ा जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश को बरकरार रखा, जिसमें स्पेशल कोर्ट की ओर दिए गए सम्मन के खिलाफ एक व्यक्ति की अपील को खारिज कर दिया गया था। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 14ए (1) के तहत दर्ज एफआईआर में अपीलकर्ता का नाम नहीं था।

    हालांकि स्पेशल कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 319 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए मुकदमे का सामना करने के लिए उस व्यक्ति के खिलाफ सम्मन आदेश पारित किया था। विशेष अदालत ने अपीलकर्ता को दूसरे अभियुक्त के साथ मुकदमे का सामना करने के लिए बुलाने से पहले अपेक्षित संतुष्टि का गठन किया था।

    केस टाइटल: जितेंद्र नाथ मिश्रा बनाम यूपी राज्य और अन्य।

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    बिक्री समझौता स्वामित्व प्रदान नहीं करता, हालांकि संभावित खरीदार का स्वामित्व अधिकार धारा 53ए टीपी एक्ट के तहत संरक्षित रहता है: सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने माना कि भले ही बिक्री समझौता किसी अचल संपत्ति में मालिकाना हक़ का स्थानांतरण नहीं करता, हालांकि, जब संभावित खरीदार अनुबंध के अपने हिस्से को पूरा करता है और संपत्ति का कब्जा प्राप्त करता है, तो कहा जाता है कि उसने मालिकाना हक अधिग्रहित कर लिया है और यह संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम, 1882 (टीपीए) की धारा 53ए के तहत संरक्षित है।

    केस टाइटल: घनश्याम बनाम योगेंद्र राठी

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    सुप्रीम कोर्ट दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में मगुन्ता राघव रेड्डी को अंतरिम जमानत देने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा

    सुप्रीम कोर्ट ने युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के सांसद मगुनता श्रीनिवासुलू के बेटे मगुन्ता राघव रेड्डी को 15 दिनों की अंतरिम जमानत देने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश खिलाफ दायर अपील को सुनवाई के लिए कल (9 जून, 2023) के लिए सूचीबद्ध किया। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाश पीठ के समक्ष एएसजी एसवी राजू द्वारा मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया गया था।

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    आप फिर से कैसे उल्लेख कर सकते हैं? आप एक अलग बेंच के पास नहीं आ सकते': सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय की 2000 रुपये के नोट से संबंधित याचिका का बार-बार उल्लेख करने पर कहा

    सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की अधिसूचनाओं के खिलाफ एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय की याचिका के अंतिम उल्लेख पर रिपोर्ट मांगी।

    आरबीआई और एसबीआई की अधिसूचना में 2000 रुपये करेंसी नोट को बिना किसी पहचान पत्र के एक्सचेंज की अनुमति दी गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने एडवोकेट उपाध्याय की पीआईएल, जिसमें उन्होंने 2000 रुपये के करेंसी नोटों के एक्सचेंज को पहचान पत्रों के साथ ही अनुमति देने की मांग की ‌थी, को खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील का उल्लेख किया था। उन्होंने अपील में कहा था कि मामला बेहद जरूरी है।

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    वसीयत (निष्पादक की मृत्यु से पहले) या सामान्य मुख्तारनामा अचल संपत्ति में स्वामित्व प्रदान नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने माना कि वसीयतनामा या जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) को किसी भी अचल संपत्ति में अधिकार प्रदान करने ‌संबधी एक दस्तावेज या स्वामित्व दस्तावेज के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जीपीए धारक द्वारा किसी भी दस्तावेज का निष्पादन न करने से उक्त जीपीए बेकार हो जाता है।

    केस टाइटल: घनश्याम वी योगेंद्र राठी

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    क्या बीसीआई गैर मान्यता प्राप्त लॉ कॉलेज से ग्रेजुएट को इनरोल करने से मना कर सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें यह सवाल उठाया गया कि क्या बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के पास वकील के रूप में इनरोमेंट करने से पहले शिक्षा से संबंधित मामलों को विनियमित करने की शक्ति है या नहीं।

    जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने आदेश दिया, "नोटिस तामील किए जाने के बावजूद प्रतिवादियों की ओर से कोई पेश नहीं हुआ। हमने याचिकाकर्ताओं के वकील को सुना है। फैसला सुरक्षित रखा जाता है।"

    केस टाइटल: बार काउंसिल ऑफ इंडिया बनाम रबी साहू

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