सुप्रीम कोर्ट दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में मगुन्ता राघव रेड्डी को अंतरिम जमानत देने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा

Shahadat

8 Jun 2023 1:30 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में मगुन्ता राघव रेड्डी को अंतरिम जमानत देने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा

    सुप्रीम कोर्ट ने युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के सांसद मगुनता श्रीनिवासुलू के बेटे मगुन्ता राघव रेड्डी को 15 दिनों की अंतरिम जमानत देने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश खिलाफ दायर अपील को सुनवाई के लिए कल (9 जून, 2023) के लिए सूचीबद्ध किया।

    जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाश पीठ के समक्ष एएसजी एसवी राजू द्वारा मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया गया था।

    रेड्डी को दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में फरवरी 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया।

    अपील की तत्काल लिस्टिंग की मांग करते हुए एएसजी राजू ने प्रस्तुत किया,

    "यह ऐसा मामला है जिसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा नियमित जमानत खारिज कर दी गई। पत्नी के स्वास्थ्य के संबंध में मांगी गई एक और जमानत भी खारिज कर दी गई और बाद में हाईकोर्ट में वापस ले ली गई। अब जमानत दी गई है, क्योंकि उनकी सास बाथरूम में फिसल गई और वह अस्पताल में निगरानी में है। इसमें कोई गंभीर बात नहीं है। पीएमएलए मामले में हाईकोर्ट ने पोते की देखभाल के लिए 15 दिन की अंतरिम जमानत दी है.! आईसीयू में किसी से मिलने की इजाजत नहीं है। तीन भाई-बहन भी हैं। मैं रुकने के लिए कह रहा हूं।"

    जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने एएसजी की दलील पर टिप्पणी की,

    "हम दूसरे पक्ष को सुने बिना किसी आदेश पर रोक नहीं लगा सकते।"

    एएसजी राजू ने तब सुझाव दिया कि मामले को कल सूचीबद्ध किया जा सकता है। अदालत ने इस पर सहमति जताई और अपील पर कल सुनवाई होगी।

    दिल्ली की एक अदालत ने 8 मई 2023 को मगुन्टा की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा चलाया जा रहा है, जो गंभीर आर्थिक अपराध है, इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती।

    न्यायाधीश ने टिप्पणी की थी,

    "अदालत का प्रथम दृष्टया मानना है कि जांच एजेंसी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के कथित अपराध में आवेदक की सक्रिय संलिप्तता दिखाने वाला वास्तविक मामला है और यह अदालत किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने में सक्षम नहीं है।"

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