व्यापक बीमा पॉलिसी वाले वाहन में थर्ड पार्टी वाहन के पीछे बैठने का जोखिम भी शामिल: त्रिपुरा हाईकोर्ट
हाल ही में, त्रिपुरा हाईकोर्ट ने कहा कि तीसरे पक्ष के वाहन का पीछे बैठने वाला व्यक्ति उल्लंघन करने वाले वाहन की बीमा कंपनी से मुआवजा प्राप्त करने का हकदार होगा, यदि उसके पास 'व्यापक बीमा कवर' है।
कोर्ट ने कहा कि यदि बीमित वाहन की गलती के कारण किसी अन्य वाहन के पीछे सवार की दुर्घटना होती है, तो बीमा कंपनी पीछे बैठे सवार को मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगी, न कि बीमित वाहन के मालिक को।
जस्टिस बिस्वजीत पालित की पीठ ने कहा कि यदि बीमित वाहन मालिक के पास एक 'व्यापक वाहन पॉलिसी' है जो जोखिम में तीसरे पक्ष को कवर करती है, तो बीमा कंपनी बीमाधारक की गलती के कारण तीसरे पक्ष को हुए नुकसान की भरपाई करने के दायित्व से बच नहीं सकती है।
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम बालाकृष्णन और अन्य (2013) 1 SCC 731 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संदर्भ लेते हुए, हाईकोर्ट ने कहा कि एक बार वाहन मालिक द्वारा खरीदी गई पॉलिसी एक व्यापक पैकेज पॉलिसी है तो बीमा कंपनी तीसरे पक्ष के वाहन के पीछे के चालक को मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगी।
बालकृष्णन और अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी तीसरे पक्ष की कार के रहने वालों के जोखिम को कवर करने के लिए बीमा कंपनी की देयता पर निर्णय लेने के लिए आई थी। कोर्ट ने कहा कि चूंकि बीमित कार में 'व्यापक पॉलिसी कवर' था, न कि 'एक्ट पॉलिसी', इसलिए थर्ड पार्टी कार के रहने वाले बीमाकृत वाहन की गलती के कारण रहने वालों को नुकसान होने की स्थिति में बीमा कंपनी से मुआवजा प्राप्त करने के हकदार होंगे।
वर्तमान मामले में, चूंकि यह मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारित नहीं किया गया था कि बीमित वाहन में व्यापक पॉलिसी कवर था या नहीं, इसलिए हाईकोर्ट ने एमएसी को उक्त स्थिति निर्धारित करने और तीन महीने के भीतर नए सिरे से निर्णय पारित करने का निर्देश दिया।