सुप्रीम कोर्ट ने पुणे लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराने के लिए ECI को दिए गए हाईकोर्ट के निर्देश पर रोक लगाई

Update: 2024-01-08 08:10 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 जनवरी) को पुणे लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव कराने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा भारत के चुनाव आयोग (ECI) को जारी निर्देश पर रोक लगा दी। उक्त सीट 29 मार्च, 2023 को सांसद गिरीश बापट की मृत्यु के बाद से खाली है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने 13 दिसंबर, 2023 को पारित हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली ECI द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।

पीठ ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 151ए तत्काल मामले में लागू होगी। इस प्रावधान के अनुसार, यदि रिक्ति के संबंध में शेष कार्यकाल एक वर्ष से कम है तो ECI को रिक्त सीट को भरने के लिए उपचुनाव कराने की आवश्यकता नहीं है। पीठ ने कहा कि वह इस मामले को मार्च या अप्रैल में टालेगी और कानून बनाएगी।

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि लोकसभा सचिव की अधिसूचना में 29 मार्च, 2023 से रिक्ति की पुष्टि की गई, जबकि वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल 16 जून, 2024 को समाप्त होगा।

जस्टिस जीएस पटेल और जस्टिस कमल खट्टा की हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ECI का उक्त तर्क खारिज कर दिया कि उपचुनाव कराना मुश्किल है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि निर्वाचन क्षेत्रों को निश्चित अवधि से अधिक प्रतिनिधित्व से वंचित नहीं रखा जा सकता, यह बताते हुए कि संसदीय लोकतंत्र में शासन निर्वाचित प्रतिनिधियों पर निर्भर करता है, जो लोगों की आवाज हैं।

हाईकोर्ट ने कहा कि ECI का रुख असंगत है, क्योंकि पुणे सीट खाली होने के बाद से उसने कई विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव कराए। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि उपचुनाव पर विचार करने की प्रासंगिक तारीख, वह तारीख है, जिस दिन रिक्ति निकलती है, जिसमें अस्पष्टता की कोई गुंजाइश नहीं है।

केस टाइटल: भारत निर्वाचन आयोग बनाम सुघोष जोशी और अन्य | एसएलपी (सी) नंबर 200/2024

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