सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के प्रयास मामले में केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक की अग्रिम जमानत याचिका पर पश्चिम बंगाल से जवाब मांगा

Update: 2024-01-11 08:46 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (11 जनवरी) को हत्या के प्रयास के मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक और गृह राज्य मंत्री (एमओएस) निसिथ प्रमाणिक की अग्रिम जमानत याचिका पर पश्चिम बंगाल राज्य से जवाब मांगा।

दिनहाटा लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा सांसद (सांसद) ने पिछले सप्ताह कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा उन्हें राहत दिए बिना उनकी अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई स्थगित करने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने प्रमाणिक की विशेष अनुमति याचिका में नोटिस जारी किया और शुक्रवार, 12 जनवरी को इस पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की।

सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया ने संज्ञान लेने के समय पिछले साल मार्च में मजिस्ट्रेट द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट की ओर इशारा करते हुए प्रमाणिक की आसन्न गिरफ्तारी की आशंका को समझाया।

उन्होंने कहा,

"यह इस अदालत के कम से कम तीन निर्णयों के अनुरूप है।"

सीनियर वकील ने कहा,

"सर्किट बेंच 22 जनवरी को इस पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गई है। बस मुझे सुरक्षा दीजिए।"

जस्टिस त्रिवेदी ने पूछा,

"आपको अब गिरफ्तारी की आशंका क्यों है, जब आपको इतने लंबे समय से गिरफ्तार नहीं किया गया?"

जवाब में पटवालिया ने तर्क दिया कि पश्चिम बंगाल राज्य में राजनीतिक स्थिति 'अस्थिर' है, विशेष रूप से प्रमाणिक के तृणमूल कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में आने का हवाला देते हुए।

उन्होंने कहा,

“वह राज्य मंत्री भी हैं। उन्हें सचमुच असुरक्षा का कुछ अंदेशा है।”

हालांकि शुरुआत में खंडपीठ विशेष अनुमति याचिका में कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित करने की इच्छुक थी, लेकिन अंततः खंडपीठ इस पर तत्काल सुनवाई के लिए सहमत हो गई और मामले को कल (शुक्रवार) सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

जस्टिस त्रिवेदी ने सुनवाई स्थगित करने से पहले पटवालिया को निर्देश दिया,

"दूसरे पक्ष को कॉपी दें।"

मामले की पृष्ठभूमि

लोकसभा सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी हैं। यह मामला 2018 का है, जब पंचायत चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर खुली गोलीबारी के बीच कूच बिहार निवासी व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि प्रमाणिक के निर्देश पर गोलीबारी की गई।

पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी से जुड़े प्रमाणिक बाद में 2019 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और कूच बिहार लोकसभा सीट से सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

जलपाईगुड़ी में कलकत्ता हाईकोर्ट की जस्टिस सूर्य प्रकाश केसरवानी और जस्टिस राय चट्टोपाध्याय की सर्किट बेंच ने 4 जनवरी को हत्या के प्रयास के मामले में प्रमाणिक की गिरफ्तारी पूर्व जमानत के आवेदन को अनुमति दिए बिना उनकी याचिका स्थगित कर दी। अदालत ने मामले को अगली पीठ को स्थानांतरित करते हुए मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को तय करने पर सहमति व्यक्त की।

इस बीच बीजेपी सांसद ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अपनी बेगुनाही बरकरार रखते हुए जूनियर मंत्री ने उन दावों का खंडन किया कि वह 2018 की हिंसा को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें कथित अपराध से जुड़े एक भी सबूत के बिना हत्या के प्रयास के मामले में गलत तरीके से फंसाया गया। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के जिला नेतृत्व के साथ अपने शुरुआती संघर्ष पर राजनीतिक दुश्मनी का हवाला दिया और अंततः भारतीय जनता पार्टी (BJP) में चले गए।

केस टाइटल- निसिथ प्रमाणिक बनाम पश्चिम बंगाल राज्य | डायरी नंबर 950/2024

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