सुप्रीम कोर्ट ने खाद्य फसलों पर कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग और कृत्रिम रंग के खिलाफ याचिका पर केंद्र, FSSAI से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (17 मई) को खाद्य फसलों और खाद्य पदार्थों पर कीटनाशकों और अन्य रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग और अत्यधिक उपयोग के संबंध में याचिका पर नोटिस जारी किया। कोर्ट ने खाद्य पदार्थों में कृत्रिम रसायनों के अत्यधिक उपयोग को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से जवाब मांगा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने पर्यावरणविद् और वकील आकाश वशिष्ठ द्वारा दायर याचिका में उठाए गए मुद्दों पर विचार करने के लिए सहमत हुए। याचिका में कहा गया कि कीटनाशक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन देश भर में कैंसर और अन्य घातक बीमारियों का प्रमुख कारण बन गया है।
सीजेआई ने कहा,
"हम नोटिस जारी करेंगे।"
कृत्रिम रंग, कोटिंग और वैक्सिंग के बारे में उठाई गई चिंताओं के संबंध में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, परिवार कल्याण मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएस) से प्रतिक्रिया मांगी गई है। दालों, खाद्यान्नों और अन्य वस्तुओं की, जिसके कारण देश भर में मौतों की उच्च घटनाएं हुई हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अनिता शेनॉय ने अदालत को सूचित किया कि देश भर से एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि कीटनाशकों के कारण बहुत अधिक संख्या में मौतें होती हैं। उन्होंने कीटनाशकों के उपयोग को रोकने और नियंत्रित करने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में FSSAI की विफलता की ओर इशारा किया। शेनॉय ने कीटनाशकों और देश में कैंसर के मामलों की बढ़ती संख्या के बीच सीधे वैज्ञानिक और मेडिकल संबंध पर जोर दिया।
आगे कहा गया,
"कीटनाशकों पर अंकुश लगाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में FSSAI घोर विफलता है। कीटनाशकों और कैंसर का सीधा वैज्ञानिक और मेडिकल संबंध है, जो देश में तेजी से बढ़ रहे हैं।"
केस टाइटल: आकाश वशिष्ठ बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य। डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 000318 - / 2024