'कोई मामला नहीं बनता': सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में जमानत की मांग करने वाली मनीष सिसोदिया की सुधारात्मक याचिकाएं खारिज कीं
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (13 मार्च) को दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में जमानत की मांग करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर सुधारात्मक याचिकाओं को खारिज कर दिया।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने सुधारात्मक याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कोई मामला नहीं बनता।
पीठ ने कहा,
"हमारी राय में, रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा मामले में इस न्यायालय के फैसले में बताए गए मापदंडों के भीतर कोई मामला नहीं बनता है।"
उपचारात्मक याचिकाओं में दिल्ली शराब नीति घोटाले के सिलसिले में सिसोदिया के लिए जमानत की मांग की गई, जहां वह केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज आरोपों का सामना कर रहे हैं।
पिछले साल 30 अक्टूबर को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित CBI और ED मामलों में जमानत की मांग करने वाली मनीष सिसोदिया की याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
जमानत देने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि अगर तीन महीने में मुकदमा आगे नहीं बढ़ता है तो सिसोदिया नई जमानत के लिए आवेदन करने के हकदार होंगे। 13 दिसंबर को इसी पीठ ने पुनर्विचार याचिकाएं भी खारिज कर दीं। पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने के खिलाफ सुधारात्मक याचिकाएं दायर की गईं।
हाल ही में ट्रायल कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिकाओं के लंबित होने का हवाला देते हुए सिसोदिया की नई जमानत याचिकाओं पर सुनवाई टाल दी। 25 फरवरी को उन्होंने कारावास का एक वर्ष पूरा कर लिया।