सुप्रीम कोर्ट ने अडानी पावर की JVVNL से 1376.35 करोड़ रुपये की मांग वाली याचिका खारिज की, 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (18 मार्च) को अडानी पावर लिमिटेड द्वारा 2020 के फैसले को संशोधित करने के बाद जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL) से बकाया विलंब भुगतान अधिभार (एलपीएस) के रूप में 1376.35 करोड़ रुपये रुपये के भुगतान की मांग को लेकर दायर विविध आवेदन को खारिज कर दिया।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने कहा कि विविध आवेदन दाखिल करना एलपीएस का दावा करने के लिए आवेदक/अडानी पावर द्वारा अपनाया गया उचित कानूनी सहारा नहीं है।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस फैसले के ऑपरेटिव हिस्से को पढ़ते हुए कहा,
"विविध आवेदन उस आधार पर मांग करने के लिए उचित कानूनी तरीका नहीं है। इस प्रकृति की राहत नहीं मांगी जा सकती है या विविध आवेदन में जिसे सुनवाई के दौरान स्पष्टीकरण के लिए आवेदन के रूप में वर्णित किया गया।"
अदालत ने स्पष्ट किया कि जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL) को अडानी पावर को एलपीएस का भुगतान करने के लिए कहने वाले सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 14.12.2022 के आदेश का कोई बाध्यकारी प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि ऐसा अवलोकन प्रथम दृष्टया चरण में पारित किया गया, न कि श्रवण अवस्था में।
अदालत ने कहा,
"इस अदालत का आदेश वर्तमान आवेदन की विचारणीयता के मुद्दे को प्रतिबिंबित नहीं करता। हमें यह भी नहीं लगता है कि उस स्तर पर सुनवाईयोग्यता का मुद्दा उठाया गया।"
तदनुसार अडानी पावर पर 50,000/- रुपये का जुर्माना लगाते हुए आवेदन खारिज कर दिया गया। उक्त जुर्माना सुप्रीम कोर्ट कानूनी सहायता समिति के पास जमा कराया जाएगा।
केस टाइटल: जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड बनाम अदानी पावर राजस्थान लिमिटेड, डायरी नंबर 21994/2022