सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में पानी की टंकी की सफाई की इजाजत दी

Update: 2024-01-16 08:57 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (16 जनवरी) को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के वुज़ुखाना (पानी की टंकी) की सफाई की अनुमति दी, जहां मई, 2022 में आयोग के सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग पाए जाने का दावा किया गया था।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने हिंदू वादी द्वारा दायर आवेदन स्वीकार कर लिया, जो मस्जिद परिसर में देवताओं की पूजा करने का अधिकार मांग रहे हैं। मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा टैंक को साफ करने के आवेदन का विरोध नहीं किया गया।

वादी पक्ष ने टैंक के अंदर मरी हुई मछलियों की मौजूदगी का हवाला देते हुए टैंक को साफ करने की मांग की। मस्जिद समिति ने पीठ को यह भी बताया कि उन्होंने वाराणसी जिला कलेक्टर के समक्ष भी इसी तरह का आवेदन दायर किया।

वादी पक्ष की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र का निस्तारण करते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया कि वाराणसी जिलाधिकारी की देखरेख में सफाई कराई जाए।

वादीगण की ओर से सीनियर एडवोकेट माधवी दीवान उपस्थित हुईं।

सीनियर एडवोकेट हुज़ेफ़ा अहमदी मस्जिद समिति की ओर से पेश हुए।

सुप्रीम कोर्ट ने मई, 2022 में 'वुज़ुखाना' को सील करने का आदेश दिया, जब वहां 'शिवलिंग' पाए जाने का दावा किया गया। न्यायालय ने हालांकि स्पष्ट किया कि यह आदेश मुस्लिम नमाज़ियों को नमाज़ पढ़ने के अधिकार में बाधा नहीं डालेगा।

पिछले साल, सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति दी, जिसमें वादी ने यह पता लगाने की मांग की कि क्या मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर बनाई गई।

पिछले महीने, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद समिति द्वारा पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 द्वारा वर्जित याचिका खारिज करने के लिए दायर आवेदन खारिज कर दिया था।

केस टाइटल: प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजेमिया मसाजिद वाराणसी बनाम राखी सिंह और अन्य एसएलपी (सी) नंबर 9388/2022

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