मणिपुर आदिवासी मंच ने फिर से हिंसा भड़कने की आशंका जताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, सेना से सुरक्षा की मांग की
मणिपुर ट्राइबल फोरम ने मणिपुर राज्य में कुकी-ज़ो समुदाय के खिलाफ नए सिरे से हिंसक कृत्यों की आशंका जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अंतरिम आवेदन दायर किया।
आवेदन में भारतीय सेना से सुरक्षा की मांग की गई और राज्य में हिंसा भड़काने वाले नेताओं की गिरफ्तारी की मांग की गई।
फोरम ने आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा उपेक्षा के कारण समुदाय के भीतर भय और अन्याय की भावना गहरी हो गई।
आवेदन में कहा गया,
"हम इस अदालत के सामने हाथ जोड़कर कह रहे हैं कि वे जरूरी कदम उठाएं, जो कि पहले दौर के हमले से भी अधिक व्यापक हो सकते हैं... मुकदमेबाजी के पहले दौर में हमने भारतीय सेना के लिए गुहार लगाई थी, हमें बचाने के लिए पुकारा गया, लेकिन राहत नहीं दी गई। इसके बाद भारतीय सेना की अनुपस्थिति से हमलावरों का हौसला बढ़ गया और नरसंहार शुरू हो गया।''
गौरतलब है कि 11 मार्च को जस्टिस गीता मित्तल के नेतृत्व में न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने मणिपुर में हिंसा में वृद्धि के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तत्काल चिंताएं पेश कीं। जातीय हिंसा से उत्पन्न मानवीय मुद्दों को संबोधित करने के लिए अगस्त 2023 में गठित समिति ने प्रदर्शनकारी संगठनों को राज्य प्रशासन के खिलाफ हिंसा भड़काने से रोकने के लिए अदालत से विशिष्ट निर्देश मांगे।
केस टाइटल: मणिपुर ट्राइबल फोरम दिल्ली बनाम मणिपुर राज्य और अन्य डब्ल्यूपी (सिविल) नंबर 540 ऑफ़ 2023