BSP सांसद के मामले में हालिया फैसले को लागू करके लक्षद्वीप के सांसद की दोषसिद्धि निलंबित की जा सकती है: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (08 जनवरी) को हत्या के प्रयास के मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अयोग्य लक्षद्वीप सांसद मोहम्मद फैजल की सजा निलंबित करने से इनकार के केरल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई की। बताया गया कि मामले का निपटारा बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सांसद अफजाल अंसारी के मामले में आए हालिया फैसले के अनुरूप किया जा सकता है।
जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ के समक्ष यह मामला सूचीबद्ध किया गया।
सुनवाई की शुरुआत में ही एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हाल ही में तीन जजों की पीठ ने दोषसिद्धि के निलंबन के संबंध में आदेश पारित किया।
एएसजी ने कहा,
“मेरे पास बहुत बेहतर मामला है। हालांकि, अगर मामले को समान शर्तों पर निपटाया जा सकता है तो मुझे ज्यादा आपत्ति नहीं होगी।''
गौरतलब है कि एएसजी ने 14 दिसंबर, 2023 को अफजल अंसारी बनाम यूपी राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित फैसले का हवाला दिया। इसमें कोर्ट ने 2:1 के बहुमत से यूपी-गैंगस्टर एक्ट मामले के तहत मामले में BSP सांसद अफजाल अंसारी की सजा निलंबित कर दी थी। इससे लोकसभा में उनकी सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया।
खंडपीठ में शामिल रहे जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां अंसारी की सजा को निलंबित करने पर सहमत हुए, जबकि जस्टिस दीपांकर दत्ता ने असहमति व्यक्त करते हुए अलग फैसला लिखा।
उपरोक्त अनुमान के मद्देनजर, डिवीजन बेंच ने आदेश दिया:
सीनियर वकील सिब्बल का कहना है कि इस न्यायालय ने नोटिस जारी करते हुए दोषसिद्धि की सजा भी निलंबित कर दी। सीनियर एएसजी नटराज ने अपनी बारी में प्रस्तुत किया कि हाल ही में 14.12.2023 को इस न्यायालय ने आदेश पारित किया है। शायद यह वर्तमान मामला इस उक्त आदेश के आलोक में हो सकता है…।”
अदालत ने तदनुसार याचिकाकर्ता (मोहम्मद फैज़ल) को मामले की जांच करने के लिए समय दिया और मामले को दो सप्ताह के बाद सूचीबद्ध किया।
अब तक क्या हुआ
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के लक्षद्वीप सांसद मोहम्मद फैजल को 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद मोहम्मद सलीह की हत्या के प्रयास के लिए ट्रायल कोर्ट ने (11 जनवरी, 2023 को) दोषी ठहराया गया। मोहम्मद फैज़ल 2014 में और फिर 2019 में संसद सदस्य के रूप में चुने गए। सजा के खिलाफ मोहम्मद फैज़ल और अन्य ने केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
केरल हाईकोर्ट ने 25 जनवरी को फैज़ल की दोषसिद्धि और सजा निलंबित कर दी। दोषसिद्धि के निलंबन के आदेश के खिलाफ केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और शिकायतकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त, 2023 के आदेश द्वारा छह सप्ताह की अवधि के भीतर दोषसिद्धि के निलंबन पर पुनर्विचार करने के लिए मामले को वापस हाईकोर्ट में भेज दिया।
इसके बाद 3 अक्टूबर को केरल हाईकोर्ट के जस्टिस एन नागरेश की एकल पीठ ने मामले की नए सिरे से सुनवाई करते हुए उनकी सजा निलंबित करने से इनकार कर दिया।
अपने विवादित आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा था:
“चुनाव प्रक्रिया का अपराधीकरण हमारी लोकतांत्रिक राजनीति में गंभीर चिंता का विषय है। राजनीतिक अपराधों और चुनाव प्रक्रिया के अपराधीकरण के जाल ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को प्रभावित करना शुरू कर दिया... यदि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को सक्षम अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद भी संसद/विधानमंडल के सदस्यों के रूप में बने रहने की अनुमति दी जाती है तो इससे केवल बड़े पैमाने पर जनता में गलत संकेत जाएगा।”
जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस संजय करोल की सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने पिछले अवसर (09 अक्टूबर, 2023) पर केरल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। ऐसा करते हुए कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सुप्रीम कोर्ट का 22 अगस्त का आदेश लागू होगा।
इस आदेश के अनुसार, दोषसिद्धि के निलंबन का लाभ तब तक जारी रहना है, जब तक मामला हाईकोर्ट में भेजा गया था। इस प्रकार मोहम्मद फैज़ल को लक्षद्वीप का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद के रूप में बने रहने की अनुमति मिल गई।
केस टाइटल: मोहम्मद फैज़ल बनाम यू. टी. लक्षद्वीप प्रशासन और अन्य एसएलपी (सीआरएल) नंबर 12819/2023