सुप्रीम कोर्ट ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ को लेकर जनहित याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (28 फरवरी) को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी को हुई भगदड़ के संबंध में दायर जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी।
याचिकाकर्ता आनंद लीगल ट्रस्ट ने दावा किया कि सभी मौतों का हिसाब नहीं लगाया गया और कई परिवारों को मुआवजा दिया जाना बाकी है।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस पीके मिश्रा की खंडपीठ ने मामले पर विचार करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा।
याचिकाकर्ता ने कहा,
"भगदड़ की घटनाएं बार-बार हो रही हैं रेलवे ने लोगों को अपलोड किए जा रहे वीडियो हटाने के लिए नोटिस जारी किया, 200 लोग मारे गए।"
खंडपीठ ने कहा कि प्रभावित व्यक्ति न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
जस्टिस मिश्रा ने टिप्पणी की,
"यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है और उसके परिवार के सदस्य को अनुग्रह राशि नहीं मिली है तो वे संपर्क कर सकते हैं और कह सकते हैं कि मेरा नाम सूची में नहीं है। क्या आपके सामने ऐसी कोई घटना आई है? ताकि हम आपकी बात समझ सकें कि 200 लोग मारे गए लेकिन केवल 50 का ही पता चला है।”
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान हैं, जो दिखाते हैं कि मरने वालों की संख्या अधिक थी। हालांकि खंडपीठ ने मामले पर विचार करने में अपनी अनिच्छा व्यक्त की।
पिछले सप्ताह दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे स्टेशनों पर भगदड़ को रोकने के उपायों की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और रेलवे से जवाब मांगा था।
केस टाइटल: आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट बनाम भारत संघ और अन्य। | डब्ल्यू.पी.(सी) संख्या 175/2025