नियोक्ता चयन प्रक्रिया के बीच में विज्ञापन में निर्धारित योग्यता नहीं बदल सकता: सुप्रीम कोर्ट

Update: 2024-03-15 10:26 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चयन प्रक्रिया के बीच में भर्ती विज्ञापन में निर्धारित पात्रता/योग्यता में कोई भी बदलाव अनुचित प्रक्रिया है और यह मूल विज्ञापन के अनुसार चयनित होने के योग्य उम्मीदवार को अवसर से वंचित करने के समान होगा।

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने कहा,

“यह स्थापित कानून है कि किसी नियोक्ता के लिए चल रही चयन प्रक्रिया के दौरान विज्ञापन में निर्धारित योग्यता को बीच में बदलना संभव नहीं है। ऐसी कोई भी कार्रवाई मनमाने ढंग से की जाएगी, क्योंकि यह उन उम्मीदवारों को अवसर से वंचित करने के समान होगा, जो विज्ञापन के संदर्भ में पात्र हैं, लेकिन घोषणा के बाद नियोक्ता द्वारा पात्रता मानदंड में बदलाव के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे।”

सुप्रीम कोर्ट की उक्त बात पटना हाईकोर्ट की डिविजन बेंच के फैसले के खिलाफ अनिल किशोर पंडित/अपीलकर्ता द्वारा की गई सिविल अपील पर फैसला करते समय आई, जिसके तहत डिविजन बेंच ने एकल न्यायाधीश के फैसले को पलटते हुए अपीलकर्ता की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया था।

कोर्ट ने कहा था कि चयन प्रक्रिया के मध्य में भर्ती विज्ञापन में शामिल संशोधित पात्रता शर्तों के अनुसार अपीलार्थी की आयु अधिक हो जाने के कारण अमीन के पद पर नियुक्त किया जाए।

केस टाइटल: अनिल किशोर पंडित बनाम बिहार राज्य और अन्य

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