2008 Jaipur Blasts Case: सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संदीप मेहता ने बरी किए गए लोगों के खिलाफ अपील की सुनवाई से खुद को अलग किया

Update: 2024-01-04 05:45 GMT

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संदीप मेहता ने 2008 जयपुर बम विस्फोट मामले (2008 Jaipur Blasts Case) में आरोपी व्यक्तियों को बरी करने के खिलाफ राजस्थान राज्य द्वारा दायर अपील पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। जस्टिस बी.आर. गवई भी उक्त डिवीजन बेंच शामिल थे।

13 मई 2008 को जयपुर में कई विस्फोट हुए, जिनमें 71 लोगों की मौत हो गई और 185 लोग घायल हो गए। ट्रायल कोर्ट ने चार लोगों को अपराध का दोषी पाया और उन्हें मौत की सजा सुनाई। हालांकि, पिछले साल मार्च में जांच में गंभीर खामियों की ओर इशारा करने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि रद्द कर दी। न्यायालय ने यह भी घोषित किया कि अपराध के समय आरोपियों में से एक किशोर था।

इससे व्यथित होकर राज्य और पीड़ितों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बरी करने के फैसले के खिलाफ अलग-अलग अपीलें दायर की गईं।

17 मई, 2023 को न्यायालय ने राज्य की अपील पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर पूर्ण रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ उनकी रिहाई का आदेश दिया।

हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने (08 दिसंबर को) मामले के एक दोषी को घटना की तारीख पर किशोर घोषित करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राजस्थान राज्य द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी।

राजस्थान हाईकोर्ट जज मेहता का मूल हाईकोर्ट है, जिन्हें पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था।

केस टाइटल: राजस्थान राज्य बनाम सैफुर्रहमान अंसारी, डायरी नंबर- 26084 - 2023

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