'सभी वादियों को VC की सुविधा दी जा रही है': राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग वाली जनहित याचिका का निपटारा किया

Update: 2024-03-26 07:42 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट (जयपुर पीठ) ने हाल ही में अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग करने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) का निपटारा किया।

चीफ जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि अदालत पहले से ही सभी वादकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) की सुविधा दे रही है, इसलिए जनहित याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।

डिवीजन बेंच के आदेश में कहा गया,

"यह ध्यान में रखते हुए कि वर्तमान में सभी वादियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा प्रदान की जा रही है और याचिका विशिष्ट दिशा-निर्देश चाहती है, हम इस स्तर पर कोई निर्देश जारी करने के इच्छुक नहीं हैं।"

गौरतलब है कि गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, गुवाहाटी, कलकत्ता और कुछ अन्य अदालतों में हाईकोर्ट पहले से ही लाइव-स्ट्रीम किए जा रहे हैं। कुछ हाईकोर्ट आम जनता को अपने हाइब्रिड कोर्ट लिंक तक पहुंचने की अनुमति देते हैं। सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ की सुनवाई भी लाइव-स्ट्रीम की जा रही है।

संबंधित समाचार में, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने इस साल जनवरी में टिप्पणी की थी कि सभी हाईकोर्ट को वकीलों को पूरी अदालती कार्यवाही के दौरान वर्चुअल सुनवाई तक पहुंचने की अनुमति देनी चाहिए।

सीजेआई ने यह टिप्पणी याचिकाओं के समूह की सुनवाई के दौरान की, जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई कि सभी हाईकोर्ट और ट्रिब्यूनल वर्चुअली पहुंच की अनुमति दें।

कुछ हाईकोर्ट द्वारा COVID-19 महामारी के बाद हाइब्रिड सुनवाई सुविधाएं बंद करने के मद्देनजर याचिकाएं दायर की गईं। कुछ याचिकाओं में वर्चुअल सुनवाई को मौलिक अधिकार घोषित करने की मांग की गई।

पिछले साल नवंबर में सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने निर्देश दिया कि सभी हाईकोर्ट को वर्चुअल सुनवाई की सुविधा प्रदान करनी होगी।

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने हाल ही में सभी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिसों से अदालती कार्यवाही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपयोग को प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया।

केस टाइटल- हर्षित दुदावत बनाम माननीय राजस्थान हाईकोर्ट एवं अन्य

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