किसी व्यक्ति की ओर इशारा करके बिना उद्देश्य के की गई फायरिंग हत्या का प्रयास नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि किसी व्यक्ति विशेष पर हमला करने के इरादे से दुकान पर बिना उद्देश्य के की गई फायरिंग तब हत्या का प्रयास नहीं मानी जाएगी, जब लक्षित व्यक्ति घटनास्थल पर मौजूद न हो गोलीबारी।
जस्टिस बीरेंद्र कुमार की पीठ अपीलकर्ता के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोप तय करने के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी।
एफआईआर के अनुसार कुछ अज्ञात बदमाशों ने व्यवसायी (लक्ष्य) से फिरौती मांगी थी। इसके बाद एक खास दिन तीन अज्ञात बदमाश बाइक पर आए और लक्ष्य को मारने के इरादे से उसकी दुकान पर गोलीबारी शुरू कर दी और भाग गए। लक्ष्य दुकान के अंदर मौजूद नहीं था और गोलियां केवल गेट के शीशे पर लगीं।
यह जानकारी लक्ष्य के कर्मचारी (इंफॉर्मेंट) ने पुलिस को दी, जिसने एफआईआर दर्ज की।
अपीलकर्ता का मामला यह था कि हत्या के प्रयास का अपराध नहीं बनता, क्योंकि किसी व्यक्ति पर गोलीबारी का कोई आरोप नहीं था।
यह तर्क दिया गया कि इरादा लक्ष्य को चोट पहुँचाना था लेकिन चूंकि वह घटना के समय वहाँ मौजूद नहीं था, इसलिए हत्या के प्रयास का कोई अपराध नहीं बनता।
अपीलकर्ता के वकील द्वारा प्रस्तुत तर्कों के साथ तालमेल बिठाते हुए न्यायालय ने कहा,
“इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में धारा 307 आईपीसी के तहत अपराध नहीं बनता है, क्योंकि अभियोजन पक्ष का मामला यह है कि दुकान पर गोलीबारी की गई। शीशे पर लगी थी और जिस व्यक्ति पर हमला करके उसे घायल किया जाना था, वह वहां मौजूद नहीं था। शिकायतकर्ता सहित किसी अन्य व्यक्ति की ओर इशारा करते हुए गोलीबारी नहीं की गई। इसलिए धारा 307/149 आईपीसी के तहत भी अपीलकर्ता के खिलाफ अपराध नहीं बनता है।”
न्यायालय ने अपीलकर्ता के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोपों को खारिज कर दिया और सक्षम न्यायालय को अपीलकर्ता के खिलाफ आरोप को फिर से पढ़ने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: जाकिर खान बनाम राजस्थान राज्य और अन्य।