पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अमृतपाल के निर्वाचन के खिलाफ याचिका, वोट मांगने के लिए कथित तौर पर धार्मिक पहचान का उपयोग करने का आरोप
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पंजाब के खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के निर्वाचन को चुनौती देते हुए एक चुनाव याचिका दायर की गई है। सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया है।
अप्रैल 2023 में अपनी गिरफ्तारी के बाद से अमृतपाल डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव पंजाब के श्री खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते हैं। वह कथित "खालिस्तानी समर्थक" संगठन वारिस पंजाब दे के प्रमुख हैं और अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले की घटना सहित विभिन्न एफआईआर में भी आरोपी हैं।
पंजाब के खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार विक्रमजीत सिंह ने जून में अमृतपाल के निर्वाचन को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने "धर्म के नाम पर वोट मांगने के लिए अपनी धार्मिक पहचान का इस्तेमाल किया, जो अवैध है और भ्रष्ट आचरण के बराबर है।"
याचिका में कहा गया है कि चूंकि अमृतपाल जेल में है, इसलिए उसके परिवार और टीम ने विभिन्न धार्मिक स्थलों, गुरुद्वारों और हिंदू धार्मिक नगर कीर्तन का दौरा किया और उन्होंने गुरुद्वारे से उसका घोषणापत्र भी जारी किया।
याचिका में कहा गया है कि "उसके समर्थन में विभिन्न गुरुद्वारों में बैठकें की गईं और उसके पक्ष में नारे लगाए गए। इस प्रकार प्रतिवादी न केवल धार्मिक स्थल की पवित्रता बनाए रखने में विफल रही है, बल्कि धार्मिक स्थलों पर वोट मांगकर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का भी उल्लंघन किया है और इस तरह से उसका चुनाव केवल इसी आधार पर रद्द किया जा सकता है।"
चुनाव को इस आधार पर भी चुनौती दी गई है कि सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी लिए बिना सोशल मीडिया पर सामग्री का प्रचार करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है और नामांकन पत्र पूरा दाखिल नहीं करना। याचिका में उपरोक्त दलीलों के आलोक में अमृतपाल के चुनाव को "अमान्य" घोषित करने की मांग की गई है।
केस टाइटलः विक्रमजीत सिंह बनाम भारत का चुनाव आयोग और अन्य