NHAI ने पंजाब सरकार से प्रदर्शनकारियों द्वारा टोल प्लाजा बंद करने से हुए नुकसान की भरपाई करने को कहा, हाईकोर्ट ने जवाब मांगा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा दायर एक आवेदन पर जवाब मांगा, जिसमें प्राधिकरण को हुए कथित नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की गई। पंजाब राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में राज्य की विफलता के कारण टोल प्लाजा को अनधिकृत रूप से बंद कर दिया गया।
पंजाब में टोल प्लाजा के सुचारू संचालन के लिए सुरक्षा और प्रशासनिक सहायता की मांग करते हुए NHAI द्वारा दायर एक याचिका में यह आवेदन दायर किया गया।
किसान यूनियन के कार्यकर्ता पिछले 15 दिनों से टोल शुल्क में लगातार बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि NHAI बिना पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराए मनमाने तरीके से टोल शुल्क बढ़ा रहा है।
जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया।
आवेदन में कहा गया कि 2022-2023 में विभिन्न स्थानों पर टोल प्लाजा को अवैध रूप से 5 से 112 दिनों के लिए बंद कर दिया गया था।
कहा गया,
"2024 में विभिन्न टोल प्लाजा को अलग-अलग अवधि के लिए बंद किया गया, जिनमें से कुछ अभी भी काम करना शुरू नहीं कर पाए।"
आवेदन में कहा गया,
"पंजाब राज्य में प्रदर्शनकारियों द्वारा बार-बार टोल प्लाजा को अवैध रूप से बंद करना, राज्य समर्थन समझौते के तहत अनिवार्य अपने दायित्वों को पूरा करने में प्रतिवादियों (पंजाब सरकार) की चूक का प्रत्यक्ष परिणाम है। कहने की जरूरत नहीं है कि आवेदक ने टोल प्लाजा के सुचारू संचालन के लिए प्रतिवादियों से सहयोग और हस्तक्षेप की मांग करते हुए कई पत्र लिखे हैं। हालांकि, प्रतिवादी टोल प्लाजा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रहे, जिससे केंद्रीय राजकोष को भारी नुकसान हुआ।"
राज्य समर्थन समझौते के खंड का हवाला देते हुए NHAI ने प्रस्तुत किया कि राज्य द्वारा चूक की स्थिति में वह अपनी चूक के कारण हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए उत्तरदायी हैं।
आवेदन में कहा गया,
"पंजाब राज्य में टोल प्लाजा को अवैध रूप से बंद करना प्रतिवादियों की चूक का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिससे राज्य समर्थन समझौते का उल्लंघन हुआ है।"
केस टाइटल- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और अन्य बनाम पंजाब राज्य और अन्य।