प्रदर्शनकारियों द्वारा टोल प्लाजा पर कब्ज़े के खिलाफ NHI की याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा

Update: 2024-07-02 05:25 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHI) द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में प्रदर्शनकारियों द्वारा जबरन टोल प्लाजा को बंद करने और अवैध संचालन के खिलाफ पंजाब में टोल प्लाजा के सुचारू संचालन के लिए सुरक्षा और प्रशासनिक सहायता की मांग की गई।

किसान यूनियन के कार्यकर्ता पिछले 15 दिनों से टोल शुल्क में लगातार बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि NHI पर्याप्त सुविधाएं प्रदान किए बिना अपनी मर्जी से टोल शुल्क बढ़ा रहा है।

जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने आवेदन पर विचार करते हुए पंजाब सरकार से जवाब मांगा।

NHI ने प्रस्तुत किया कि अमृतसर, जालंधर और लुधियाना सहित पंजाब के विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने बार-बार टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया है और टोल शुल्क वसूली के संचालन को बाधित किया है, जिससे केंद्रीय राजकोष को भारी नुकसान हुआ है।

याचिका में कहा गया,

"अनुमान है कि टोल प्लाजा पर जबरन कब्जा किए जाने के कारण करीब 113.21 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यहां यह उल्लेख करना भी प्रासंगिक है कि विरोध प्रदर्शन की आड़ में कुछ असामाजिक तत्व/बदमाश टोल प्लाजा के कर्मियों से पैसे वसूल रहे हैं। ये सभी तथ्य जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में लाए गए हैं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।"

NHI ने NHI प्रोजेक्ट डायरेक्टर लिछमन राम, प्रोजेक्ट कार्यान्वयन इकाई लुधियाना के माध्यम से याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने टोल प्लाजा पर परिचालन फिर से शुरू करने के निर्देश मांगे हैं, जिन्हें कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा अवैध रूप से बंद कर दिया गया और टोल प्लाजा पर बार-बार अतिक्रमण के बारे में अधिकारियों को निर्देश देने के लिए कहा है, जिससे "गंभीर कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हो रही है।"

आवेदन के अनुसार, हाईकोर्ट ने इससे पहले 2023 में पंजाब सरकार और डीजीपी पंजाब को NHI की संपत्ति की सुरक्षा के लिए राज्य समर्थन समझौते के अनुसार पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने का निर्देश दिया, जिससे अतिक्रमणकारी शेष टोल प्लाजा पर कब्जा न कर सकें और सामान्य स्थिति बहाल हो सके।

इन आदेशों के अनुपालन में डीजीपी (कानून और व्यवस्था) ने हलफनामा दायर किया, जिसमें उन्होंने शपथ के तहत कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का सावधानीपूर्वक अनुपालन करने और पंजाब राज्य में संचालित एचएआई की संपत्ति/टोल प्लाजा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने के लिए फील्ड इकाइयों को निर्देश जारी किए गए। पुलिस प्राधिकरण के हलफनामे पर विचार करते हुए, उच्च न्यायालय ने मामले का निपटारा किया।

NHI का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर एडवोकेट चेतन मित्तल ने प्रस्तुत किया कि डीजीपी के हलफनामे के आधार पर मामले के निपटारे के बाद पंजाब राज्य में कुछ टोल प्लाजा पर प्रदर्शनकारियों ने फिर से कानून को अपने हाथ में लेते हुए अतिक्रमण कर लिया। याचिका में कहा गया कि राज्य के अधिकारियों को लिखे गए कई पत्रों के बावजूद, उन्होंने इस मामले में पूरी तरह से आंखें मूंद ली हैं और कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे NHI को वित्तीय नुकसान हो रहा है।

मामले को आगे के विचार के लिए 10 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।

केस टाइटल: NHI और अन्य बनाम पंजाब राज्य और अन्य।

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