किसान प्रदर्शन: पत्रकार ने किया दावा- पंजाब में हरियाणा पुलिस द्वारा छोड़े गए आंसू गैस के गोले से उसके सिर में चोटें आईं, हाईकोर्ट का रुख किया

Update: 2024-02-22 08:05 GMT

एक पत्रकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर हरियाणा पुलिस के उन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की, जिन्होंने कथित तौर पर पंजाब सरकार के अधिकार क्षेत्र में किसानों के विरोध प्रदर्शन को कवर करते समय उनके सिर पर आंसू गैस का गोला मारा।

पंजाब सवेरा के पत्रकार नील भलिंदर ने कहा कि 13 फरवरी को, जब वह किसानों के विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे, तो "पंजाब के अधिकार क्षेत्र में हरियाणा पुलिस द्वारा छोड़े गए आंसू गैस के गोले की चपेट में आने से उनके सिर में गंभीर चोटें आईं।"

याचिकाकर्ता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि "शंभू सीमा पर हरियाणा पुलिस अधिकारियों द्वारा हजारों पत्रकारों को शारीरिक हिंसा और गोलियों से घायल किया गया।"

याचिका में कहा गया कि यह सीमा स्थान, पंजाब के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में होने के बावजूद, कथित तौर पर हरियाणा पुलिस द्वारा की गई हिंसा की कई घटनाओं का स्थल रहा है।

भलिंदर ने तर्क दिया कि पत्रकारों पर हमले अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। उन्होंने पंजाब के भीतर व्यक्तियों को प्रभावित करने वाली कार्रवाई करने में हरियाणा पुलिस के अधिकार और जवाबदेही पर सवाल उठाया।

उपरोक्त के आलोक में याचिका में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई। याचिकाकर्ता ने शंभू सीमा पर पत्रकार की अनुचित पिटाई और निर्दोष नागरिकों पर हमला करने से सभी पुलिस अधिकारियों को रोकने के लिए उचित निर्देश जारी करने की भी प्रार्थना की।

याचिकाकर्ता की ओर से वकील हाकम सिंह और देवप्रीत सिंधु ने पक्ष रखा।

केस टाइटल: नील भलिंदर सिंह बनाम यूओआई और अन्य।

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