पटना हाईकोर्ट ने दूसरी पत्नी को सेवानिवृत्ति लाभ देने से इनकार किया; पति ने पहली शादी के रहते हुए सरकार की अनुमति के बिना दूसरी शादी की थी

Update: 2024-09-18 10:08 GMT

पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि यदि मृतक सरकारी कर्मचारी ने पहली शादी के रहते हुए और सरकार से उचित अनुमति के दूसरी शादी कर ली है, तो उसकी दूसरी पत्नी पेंशन लाभ प्राप्त करने की हकदार नहीं होगी। न्यायालय ने कहा कि केवल पहली पत्नी ही पेंशन लाभ प्राप्त करने की हकदार है।

कोर्ट ने अपने निर्णय में याचिकाकर्ता के बजाय, सेवानिवृत्ति लाभ पहली पत्नी के पक्ष में भुगतान करने का आदेश दिया गया। याचिकाकर्ता के दावे को खारिज कर दिया गया क्योंकि दूसरी शादी सरकार की अनुमति के बिना की गई थी और पहली शादी अस्तित्व में थी।

छह सितंबर, 1996 का गवर्नमेंट रिजॉल्यूशन में दूसरी पत्नी को पारिवारिक पेंशन देने पर रोक लगाई गई है, जिसका विवाह पहली शादी के जीवनकाल और अस्तित्व में होने के दौरान हुआ हो।

जस्टिस हरीश कुमार की पीठ ने उस मामले की सुनवाई की जिसमें याचिकाकर्ता-दूसरी पत्नी अपने पति-कर्मचारी की मृत्यु के बाद अंतिम पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य लाभों के लिए उसके के दावे को खारिज किए जाने से व्यथित थी। उसका पति बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर में नियमित स्थापना में श्रमिक के रूप में काम करता था।

याचिकाकर्ता के दावे में कोई योग्यता नहीं पाते हुए, पीठ ने कहा, "पक्षों के विद्वान अधिवक्ता की प्रतिद्वंद्वी दलीलों को सुनने और 06.09.1996 के गवर्नमेंट रिजॉल्यूशन पर ध्यान देने के बाद, जो स्पष्ट रूप से सरकारी कर्मचारियों को दूसरी शादी के प्रयोजनों के लिए पूर्व अनुमति लेने का आदेश देता है। हालांकि, यह स्वीकार किया गया तथ्य है कि ऐसा कभी नहीं किया गया है। यह भी स्वीकार किया गया है कि याचिकाकर्ता दूसरी पत्नी है, इसके मद्देनजर इस न्यायालय को वर्तमान रिट याचिका में कोई योग्यता नहीं दिखती है और तदनुसार, इसे खारिज किया जाता है।

केस टाइटलः बेबी देवी बनाम बिहार राज्य और अन्य, Civil Writ Jurisdiction Case No.10918 of 2024

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