भोपाल में पेड़ काटने पर रोक: वनस्पति नष्ट करने पर हाईकोर्ट ने सीनियर अधिकारियों को तलब किया

Update: 2025-11-21 09:49 GMT

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 20 नवंबर को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि भोपाल में कोई भी पेड़ बिना कोर्ट की अनुमति के न काटा जाए, न छांटा जाए और न ही स्थानांतरित किया जाए। अदालत ने कहा कि अधिकारी “विकास” के नाम पर बड़े पैमाने पर पेड़ों को नष्ट कर रहे हैं।

यह मामला तब उठा जब टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया कि PWD ने बिना अनुमति 488 पेड़ काट दिए। कोर्ट ने पहले भी PWD से पेड़ों की संख्या पर हलफनामा मांगा था, जिसमें बताया गया कि कुछ पेड़ों का प्रतिरोपण किया गया था, लेकिन राज्य के पास Tree Plantation Policy ही मौजूद नहीं है।

अमाइकस क्यूरी ने बताया कि अदालत के पुराने आदेश के बावजूद भोपाल में 244 और पेड़ों को काटने का प्रस्ताव है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अधिकारी कटाई को “पेड़ स्थानांतरण” बताकर अनुमति प्रक्रिया से बच रहे हैं।

अदालत ने तस्वीरें देखकर कहा कि प्रतिरोपण के नाम पर पेड़ों की सभी शाखाएँ काटकर सिर्फ तना दूसरी जगह लगाया जा रहा है, जो असली प्रतिरोपण नहीं है।

कोर्ट ने कई अधिकारियों—PWD, विधानसभा सचिवालय, नगर निगम, वन विभाग और रेलवे के—अगली सुनवाई के लिए तलब किया है।

अगली सुनवाई 26 नवंबर 2025 को होगी।

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