कुत्तों के काटने की घटनाएं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर से आवारा कुत्तों की समस्या को रोकने के लिए ठोस समाधान निकालने को कहा

Update: 2025-03-22 05:39 GMT
कुत्तों के काटने की घटनाएं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर से आवारा कुत्तों की समस्या को रोकने के लिए ठोस समाधान निकालने को कहा

ग्वालियर में आवारा कुत्तों के खतरे और कुत्तों के काटने की घटनाओं का दावा करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के अधिकारियों, विशेष रूप से शहर के नगर निगम आयुक्त से अगली सुनवाई की तारीख तक ठोस समाधान निकालने को कहा।

याचिका पर नोटिस जारी करते हुए जस्टिस आनंद पाठक और जस्टिस हिरदेश की खंडपीठ ने कहा,

"प्रतिवादियों, विशेष रूप से कमिश्नर नगर निगम, ग्वालियर से अगली सुनवाई की तारीख तक या उससे पहले ठोस समाधान निकालने की अपेक्षा की जाती है।"

जनहित याचिका में प्रतिवादी नंबर 2/आयुक्त, नगर निगम ग्वालियर की ओर से कोई कार्रवाई न करने का दावा किया गया, क्योंकि शहर में कुत्तों के काटने के मामले बढ़ रहे हैं। याचिका में आरोप लगाया गया कि कुत्तों के काटने के कारण बच्चे, महिलाएं और सीनियर नागरिक सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, क्योंकि वे सड़क पर अचानक आने वाले कुत्तों के हमले से खुद को बचाने में सक्षम नहीं हो पाते हैं।

याचिका में दावा किया गया कि नगर निगम अधिनियम की धारा 355 (पागल और आवारा कुत्तों तथा अन्य पशुओं का निपटान) के बावजूद नगर निगम पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है। इस लापरवाही के कारण कुत्तों के काटने के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं।

याचिका के अनुसार एक 7 वर्षीय बच्चे पर गली के कुत्तों ने हमला कर दिया और उसे चोटें आईं तथा सर्जरी के दौरान उसे 100 से अधिक टांके लगाने पड़े। इसमें दावा किया गया कि गली के कुत्तों द्वारा सीनियर नागरिकों पर हमला करने की घटनाएं हुईं, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने मामले का संज्ञान लिया और राज्य को नोटिस जारी किया लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई।

याचिका में दावा किया गया कि कुत्तों के काटने के मामले की जांच के लिए निगम ने समिति भी गठित की। हालांकि उन्होंने अभी तक कोई कार्ययोजना नहीं बनाई और वे केवल पशु जन्म नियंत्रण और नसबंदी के संबंध में कार्रवाई कर रहे हैं।

याचिका में ग्वालियर नगर निगम के कमिश्नर को नगर निगम अधिनियम की धारा 355 के अनुसार विनियोग कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई।

19 मार्च को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पाया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा आवारा कुत्तों के खतरे और आम जनता के साथ उनके निरंतर शत्रुतापूर्ण व्यवहार का मुद्दा उठाया जा रहा है।

याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि वे सार्वजनिक मुद्दा उठाना चाहते हैं और अपनी ईमानदारी दिखाने के लिए वे अगले 30 दिनों के भीतर ग्वालियर जिले के अलापुर गांव की पहाड़ियों पर 50-50 पौधे लगाएंगे।

मामले की अगली सुनवाई मई में होगी।

केस टाइटल: चंद्र प्रकाश जैन और अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य, डब्ल्यूपी संख्या 8864/2025

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