मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने केन्द्रीय विद्यालय द्वारा सरकारी आदिवासी एवं अनुसूचित जाति गर्ल्स हॉस्टल के अनाधिकृत उपयोग से संबंधित याचिका पर केन्द्र एवं राज्य को जारी किया नोटिस
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी सीनियर आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल एवं सरकारी सीनियर बालिका अनुसूचित जाति हॉस्टल, जबलपुर में रहने वाली बालिकाओं की निजता के उल्लंघन से संबंधित जनहित याचिका पर केन्द्र एवं राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।
याचिका के अनुसार बालिका हॉस्टल के परिसर में सरकारी विद्यालय चलाया जा रहा है।
न्यायालय ने केन्द्रीय विद्यालय संगठन के उपायुक्त एवं सहायक आयुक्त को भी नोटिस जारी किया।
एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा एवं जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने कहा,
"नोटिस जारी किया जाता है। प्रतिवादी नंबर 1, 2, 5 से 8 की ओर से उपस्थित एडवोकेट द्वारा नोटिस स्वीकार किया जाता है। प्रतिवादी नंबर 3 एवं 4 को नोटिस जारी किया जाएगा, जिसका प्रतिवेदन 14.07.2025 से प्रारम्भ होने वाले सप्ताह में प्रस्तुत किया जाएगा।"
आदिवासी बहुजन अधिकार कल्याण द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें केन्द्रीय विद्यालय, गढ़ा जबलपुर के लिए कक्षाएं चलाने के लिए शासकीय वरिष्ठ आदिवासी बालिका हॉस्टल और शासकीय वरिष्ठ बालिका अनुसूचित जाति हॉस्टल के परिसर का उपयोग करने के लिए अधिकारियों की ओर से अनुचित कार्रवाई को चुनौती दी गई।
याचिकाकर्ता संगठन आदिवासी समाज के उत्थान, मुख्य रूप से आदिवासी और अनुसूचित जाति समुदाय की शिक्षा और वित्तीय विकास की दिशा में काम करता है।
याचिका में कहा गया कि उक्त परिसर में छात्राएं हॉस्टल की सुविधाओं का लाभ उठाती हैं और पुरुष कर्मचारियों और छात्रों का प्रवेश प्रतिबंधित है। इसलिए परिसर में स्कूल चलाना भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार और सम्मान के साथ जीने के अधिकार का उल्लंघन है।
याचिका में आरोप लगाया गया कि उक्त हॉस्टल कैंपस का उपयोग 2007 से किया जा रहा है।
याचिका में उल्लेख किया गया कि याचिकाकर्ता संगठन ने छात्राओं की सुरक्षा की चिंता जताते हुए प्रतिवादी अधिकारियों को अभ्यावेदन भी प्रस्तुत किया, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। लिखित शिकायत/अभ्यावेदन में याचिकाकर्ता संगठन ने यह भी शिकायत की थी कि हॉस्टल कैंपस में उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं और चूंकि हॉस्टल में विद्यालय संचालित होने के कारण सीमित संख्या में कमरे हैं, इसलिए स्टूडेंट्स को असुविधा का सामना करना पड़ता है।
याचिका में आगे उल्लेख किया गया कि जबलपुर कलेक्टर के आदेश के बाद भी उक्त परिसर खाली नहीं कराया गया।
इसलिए याचिकाकर्ता संगठन ने न्यायालय के समक्ष उचित रिट जारी करने का अनुरोध किया, जिसमें प्रतिवादी अधिकारियों को केन्द्रीय विद्यालय गढ़ा, जबलपुर द्वारा उपयोग किए जाने वाले स्टूडेंट्स के हॉस्टल कैंपस को खाली कराने का निर्देश दिया जाए।
यह मामला 14 जुलाई से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध है।
केस टाइटल: आदिवासी बहुजन अधिकार कल्याण बनाम मध्य प्रदेश राज्य एवं अन्य, रिट याचिका संख्या 17536/2025