जबलपुर के प्राइवेट स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर के प्राइवेट स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर दायर जनहित याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया।
एक्टिंग चीफ संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने कहा,
“नोटिस जारी करें। प्रतिवादी नंबर 1 की ओर से पेश वकील और प्रतिवादी नंबर 2 से 4 की ओर से पेश एडवोकेट ने नोटिस स्वीकार कर लिया। प्रतिवादियों की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है।”
यह जनहित याचिका विभिन्न कानूनों जैसे कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम (Right to Persons with Disabilities Act) नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right of Children to Free and Compulsory Education Act) के तहत स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों और आवश्यक बुनियादी ढांचे को अनिवार्य बनाने के प्रावधानों के पालन में चूक को लेकर दायर की गई।
याचिकाकर्ता का कहना है कि जबलपुर शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों में भी विशेष बच्चों की पढ़ाई के लिए न तो विशेष शिक्षक हैं और न ही आवश्यक बुनियादी ढांचा। याचिका में आरोप लगाया गया कि मध्य प्रदेश के स्कूलों में विशेष बच्चों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित अनिवार्य नियमों को लागू नहीं किया गया।
अतः याचिकाकर्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि प्रतिवादियों को विकलांग बच्चों से संबंधित कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने और जबलपुर शहर के हर निजी स्कूल में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया जाए।
इस मामले में 17 जून को प्रतिवादी पक्ष ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।
केस टाइटल: सौरभ सुब्बैया बनाम भारत संघ व अन्य, रिट याचिका क्रमांक 16753/2025