एमपी हाईकोर्ट ने हाईवे से 500 मीटर के अंदर शराब की दुकानें हटाने की मांग वाली PIL पर जारी किया नोटिस

Update: 2025-11-21 11:44 GMT

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार (17 नवंबर) को एक पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन पर राज्य और केंद्र सरकारों को नोटिस जारी किया, जिसमें नेशनल और स्टेट हाईवे से 500 मीटर के अंदर स्थित सभी शराब की दुकानों को बंद करने या हटाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का सख्ती से पालन करने की मांग की गई।

चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सर्राफ की डिवीजन बेंच ने निर्देश दिया,

"नोटिस जारी करें। प्रतिवादी नंबर 2 और 3 की ओर से पेश हुए वकील ने नोटिस स्वीकार किया और निर्देश लेने के लिए समय मांगा है। दो हफ्ते बाद लिस्ट करें।"

याचिकाकर्ता भोपाल का रहने वाला है। उसने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट ऑफ तमिलनाडु बनाम के. बालू मामले में साफ तौर पर रोक लगाई। इसके बावजूद, कटनी और बड़वारा के नेशनल हाईवे पर शराब की दुकानें खुलेआम चल रही हैं।

याचिका में कहा गया कि हाईवे के पास इन दुकानों की मौजूदगी से आम लोगों की जान और सुरक्षा को गंभीर खतरा है, क्योंकि ये आने-जाने वाले लोगों और भारी वाहन ड्राइवरों को यात्रा के दौरान शराब पीने के लिए बढ़ावा देती हैं।

इसके अलावा याचिका में कहा गया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने भी विस्तृत गाइडलाइंस और सर्कुलर जारी किए, जिनमें शराब की दुकानों या आउटलेट्स की स्थापना और संचालन पर साफ तौर पर रोक लगाई गई। हालांकि, राज्य और केंद्र सरकारें इन गाइडलाइंस का पालन करने में विफल रही हैं।

याचिका में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 1 जून, 2017 को जारी सर्कुलर का भी जिक्र किया गया, जिसमें राज्य और केंद्र सरकारों को सुप्रीम कोर्ट के उपरोक्त निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

याचिका में दावा किया गया कि ऐसे निर्देशों के बावजूद एक्साइज डिपार्टमेंट ने 2026-26 के नए एक्साइज पुलिस एक्ट के तहत शराब की दुकानों को अनुमति देना जारी रखा, जो संवैधानिक और कानूनी कर्तव्यों का सिस्टमैटिक उल्लंघन है।

इसमें आगे कहा गया कि हाईवे के किनारे शराब की दुकानों के लगातार चलने से बार-बार दुर्घटनाएं होती हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है, जो सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत सुरक्षा के अधिकार का उल्लंघन है।

याचिका में सुप्रीम कोर्ट के बाध्यकारी निर्देश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की गई।

इसके अलावा याचिका में ऐसे शराब विक्रेताओं की आगे स्थापना या संचालन को रोकने के लिए समय-समय पर निरीक्षण और निगरानी तंत्र बनाने और लागू करने की भी मांग की गई। फिलहाल के लिए याचिका में नेशनल और स्टेट हाईवे से 500 मीटर के अंदर मौजूद सभी शराब बेचने वालों और दुकानों की तुरंत पहचान करने और उनकी लिस्ट बनाने की मांग की गई।

इस मामले की अगली सुनवाई 02 दिसंबर को होगी।

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