मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने BJP सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के निर्वाचन को चुनौती देने वाली Congress नेता की याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2024-08-01 10:31 GMT

2024 के लोकसभा चुनाव में खंडवा से उम्मीदवार और कांग्रेस (Congress) नेता नरेंद्र पटेल ने उक्त सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार ज्ञानेश्वर पाटिल की जीत को चुनौती दी। चुनाव याचिका में कहा गया कि विजयी उम्मीदवार ने अपने चुनावी हलफनामे में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई।

जस्टिस विवेक जैन की एकल पीठ ने सांसद के साथ-साथ अन्य उम्मीदवारों को चार सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया।

याचिकाकर्ता का आरोप है कि पाटिल ने जानबूझकर अपने नामांकन पत्र जमा करते समय नागरिक सहकारी बैंक, बुरहानपुर से लिए गए ऋण के डिफॉल्टर होने के बारे में विवरण छिपाया। इसके अलावा, याचिका में कहा गया कि प्रियम केला सप्लायर्स में मालिक के तौर पर अपनी हिस्सेदारी भी छिपाई।

यह तर्क दिया गया कि विधायक द्वारा ऋण की अदायगी के लिए जारी किए गए चार में से तीन चेक बाउंस हो गए। याचिकाकर्ता ने दलील में कहा कि उपरोक्त सभी परिस्थितियों के परिणामस्वरूप ज्ञानेश्वर पाटिल का चुनाव जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 100(डी)(i) और (ii) के तहत दूषित हो गया।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि BJP नेता को ऋण न चुकाने के कारण म.प्र. राज्य पावरलूम बुनकर सहकारी समिति मर्यादित बुरहानपुर के निदेशक के पद से हटा दिया गया। यहां तक ​​कि पुनर्भुगतान में उक्त चूक के कारण सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार द्वारा समिति में उनकी सदस्यता भी रद्द कर दी गई।

संपत्ति और आय के स्रोतों का खुलासा न करना चुनाव में उम्मीदवारी के लिए घातक है, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह 1951 अधिनियम की धारा 123(2) के तहत अनुचित प्रभाव के बराबर एक भ्रष्ट आचरण है, क्योंकि यह मतदाताओं को गुमराह कर सकता है।

1951 अधिनियम की धारा 84 और 102 का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता-उम्मीदवार ने यह भी उल्लेख किया कि प्रतिवादी-उम्मीदवार ने चुनाव को प्रभावित किया। अनुचित साधनों का उपयोग करके भौतिक तथ्यों को दबाकर और झूठे और तुच्छ हलफनामे प्रस्तुत करके' अधिक वोट हासिल किए हैं।

याचिकाकर्ता ने लोक प्रहरी बनाम भारत संघ एवं अन्य, (2018) 4 एससीसी 69 पर भरोसा करते हुए अपनी याचिका में कहा।

आगे कहा गया,

“उपर्युक्त-कार्य/दमन ने उम्मीदवार को अपना प्रतिनिधि चुनने के दौरान आम जनता को प्रभावित किया। इस प्रकार, खंडवा लोकसभा क्षेत्र से प्रतिवादी क्रमांक 1 का निर्वाचन शून्य और अमान्य घोषित किए जाने योग्य है।”

उपरोक्त आधार बताते हुए नरेंद्र पटेल ने प्रतिवादी के बजाय खंडवा लोकसभा क्षेत्र से उन्हें निर्वाचित घोषित करने की प्रार्थना की। ज्ञानेश्वर पाटिल ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 8,62,679 वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में 5,92,708 वोट थे।

पटेल की चुनाव याचिका में निर्दलीय उम्मीदवार और 7वें प्रतिवादी एडवोकेट मनोज कुमार विश्वंभरनाथ अग्रवाल ने भी BJP उम्मीदवार के चुनाव के खिलाफ इसी तरह की चुनाव याचिका (ईपी संख्या 19/2024) दायर की।

केस टाइटल- नरेंद्र पटेल बनाम ज्ञानेश्वर पाटिल

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