
Endorsement के सामान्य सिद्धान्त या विधिमान्य Endorsement की शर्तें या नियम
एक प्रभावी Endorsement होने के लिए इसे नियमित एवं विधिमान्य होना चाहिए। एक विधिमान्य Endorsement के निम्न सिद्धान्त या शर्तें हैं-
Endorsement स्वयं लिखत पर होनी चाहिए जगह न होने की दशा में पृथक् कागज के टुकड़े (एलान्ज) पर होना चाहिए।
पृष्ठांकक या उसके प्राधिकृत अभिकर्ता से हस्ताक्षरित होना चाहिए।
Endorsement इन्क से होना चाहिए। पेन्सिल से भी किया जा सकता है, परन्तु इसे मिटाया जा सकेगा अतः पेन्सिल से बचना चाहिए।
टाइप से लिखित भी प्रयोज्य है। प्रिन्टेड Endorsement स्वीकार योग्य होता है। परन्तु बैंक सामान्यतया इसे मान्य नहीं करते, क्योंकि इसे बड़ी आसानी से डुप्लीकेटेड किया जा सकता है।
एक रबर स्टैम्प से किया गया Endorsement आवश्यक रूप से पृष्ठांकक के हस्ताक्षर से समर्थित होना चाहिए।
Endorsement प्राधिकृत व्यक्ति से ही किया जाना चाहिए। किसी अजनबी द्वारा यह मान्य नहीं होगा।
Endorsement के पश्चात् लिखत को परिदत्त किया जाना चाहिए, क्योंकि परिदान के बिना Endorsement पूर्ण नहीं होता है।
Endorsement लिखत के सम्पूर्ण रकम का होना चाहिए।
पृष्ठांकक चाहे पाने वाला या पृष्ठांकिती हो तो Endorsement उसी नाम से किया जाना चाहिए जैसा कि लिखत में नाम है। यदि पृष्ठांकक का नाम लिखत में गलत उच्चारण है या उसके पद को गलत दिखाया गया है तो उसे उसी रूप में हस्ताक्षर करना चाहिए जैसा कि लिखत में उल्लिखित है, तत्पश्चात् वह अपना हस्ताक्षर समुचित रूप में कर सकता है, यदि वह ऐसा चाहता है।
केवल सही नाम लिखना नियमित Endorsement नहीं होगा। कोई इनिशियल या नाम न तो जोड़ा जाएगा और न तो हटाया जाएगा जैसा कि पाने वाला या पृष्ठांकिती का नाम चेक में दिया है। उदाहरण के लिए जो एस० सी० गुप्ता को देय है एस० गुप्ता के नाम से पृष्ठांकित नहीं किया जाएगा। इसी प्रकार एक चेक हरीश सक्सेना के नाम से एच० सक्सेना के नाम से पृष्ठांकित नहीं किया जाएगा।
अशिक्षित व्यक्ति द्वारा Endorsement- जहाँ अशिक्षित व्यक्ति के द्वारा Endorsement किया जाता है, यहाँ उसके द्वारा उस पर अंगूठे का निशान लगाया जाएगा जो किसी अन्य व्यक्ति के साक्षी में एवं प्रमाणित होगा जिसका पूर्ण विवरण होगा। जैसे X का अंगूठे का निशान।
पाने वाला या पृष्ठांकिती के Prefixes or Suffixes (नाम का) Endorsement में सम्मिलित नहीं किया जाएगा। उदाहरण के लिए "श्री, मेसर्स, श्रीमती कुमारी, श्रीमती, लाला बाबू, जनरल, डॉक्टर, मेजर आदि पृष्ठांकक के द्वारा नहीं दिया जाएगा। क्योंकि Endorsement नियमित नहीं होगा यद्यपि कि पृष्ठांकक अपने हस्ताक्षर के बाद अपने टाइटल एवं रेन्क का प्रयोग कर सकेगा। उदाहरण के लिए एक चेक मेजर राजाराम या डॉ० लक्ष्मी चन्द्रा को देय है, "राजा राम, मेजर" या "लक्ष्मी चन्द्र, डॉक्टर से पृष्ठांकित होना चाहिए।" लिखत एक विवाहित महिला को देय है, Endorsement होना चाहिए।
भागीदारी फर्म के दशा में, फर्म का नाम एक व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिए। ( भागीदार, प्रबन्धक, आदि) जो भागीदारी फर्म की ओर से हस्ताक्षर करने के लिये सम्यक् रूप में प्राधिकृत हो। जैसे-एक चेक मे० किशन चन्द्र राजा राम को देय है, पृष्ठांकित होना चाहिए।
परन्तु दो भागीदार बिना यह दिखाते हुए कि फर्म में भागीदार है, हस्ताक्षर करते हैं, Endorsement अनियमित होगा।
एक व्यक्ति अपने अभिकर्ता को उसके लिए लिखत को पृष्ठांकित करने के लिए प्राधिकृत कर सकता है। अतः अभिकर्ता Endorsement में प्रयोग कर सकता है, लिए' 'के लिए' को ओर से' पर प्रो, आदि जिससे संकेत मिले कि वह अपने मालिक के लिए न कि स्वयं के लिए हस्ताक्षर कर रहा है।
यदि भुगतान बैंक पर प्रो' हस्ताक्षर करने पर सन्देह करे तो उसे आवश्यक जाँच संदाय के पूर्व की जानी चाहिए। ऐसी दशा में नियमित Endorsement होने के लिए या की ओर से' या 'पर प्रो' Endorsement अनियमित होगा।