मुकदमे में मुद्दों के निर्धारण पर अतिरिक्त शुल्क : धारा 12 राजस्थान कोर्ट फीस और वाद मूल्यांकन अधिनियम, 1961

Update: 2025-04-02 13:49 GMT
मुकदमे में मुद्दों के निर्धारण पर अतिरिक्त शुल्क : धारा 12 राजस्थान कोर्ट फीस और वाद मूल्यांकन अधिनियम, 1961

न्यायिक प्रक्रिया (Judicial Process) में मुकदमे की सुनवाई के दौरान कई बार ऐसे मुद्दे (Issues) उत्पन्न होते हैं, जिनके कारण पक्षकार को अतिरिक्त शुल्क (Additional Fee) जमा करना पड़ता है।

राजस्थान कोर्ट फीस और वाद मूल्यांकन अधिनियम, 1961 (Rajasthan Court Fees and Suits Valuation Act, 1961) की धारा 12 (Section 12) में इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रावधान किया गया है। यह धारा कहती है कि यदि मुकदमे के दौरान कोई नया मुद्दा जुड़ता है, जिससे किसी पक्षकार को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है, तो इस शुल्क के निर्धारण और वसूली की प्रक्रिया वही होगी जो धारा 11 (Section 11) में दी गई है।

धारा 12 का उद्देश्य और प्रभाव (Objective and Impact of Section 12)

इस प्रावधान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मुकदमे के सभी मुद्दों (Issues) पर निष्पक्ष और व्यवस्थित रूप से विचार किया जाए। यदि कोई नया मुद्दा न्यायालय द्वारा मुकदमे में जोड़ा जाता है, तो संबंधित पक्ष को इसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। लेकिन यदि वह निर्धारित समय में यह शुल्क जमा नहीं करता है, तो न्यायालय उस मुद्दे को समाप्त (Strike Off) कर देगा और शेष मुद्दों पर सुनवाई जारी रखेगा।

धारा 11 और धारा 12 का आपसी संबंध (Relation Between Section 11 and Section 12)

धारा 12 को समझने के लिए धारा 11 को विस्तार से समझना आवश्यक है। धारा 11 में यह प्रावधान किया गया है कि मुकदमे की शुरुआत में न्यायालय यह तय करेगा कि सही शुल्क कितना होना चाहिए।

यदि कोई प्रतिवादी (Defendant) यह दावा करता है कि मुकदमे का सही मूल्यांकन (Proper Valuation) नहीं किया गया है या शुल्क पर्याप्त नहीं है, तो न्यायालय इसे मुकदमे की सुनवाई से पहले ही तय करेगा। यदि शुल्क कम पाया जाता है, तो संबंधित पक्ष को इसे जमा करने का निर्देश दिया जाएगा, अन्यथा मुकदमा खारिज (Dismiss) किया जा सकता है।

अपील न्यायालय (Appellate Court) को भी यह अधिकार दिया गया है कि वह निचली अदालत द्वारा तय किए गए शुल्क का पुनरीक्षण (Review) करे और यदि कोई पक्ष कम शुल्क देकर मुकदमे को आगे बढ़ा रहा है, तो उसे शेष शुल्क जमा करने के लिए कहे। यदि अतिरिक्त शुल्क जमा नहीं किया जाता है, तो मुकदमे का वह हिस्सा जिसे चुनौती दी गई थी, खारिज कर दिया जाएगा।

धारा 12 में निर्धारित प्रक्रिया (Procedure under Section 12)

यदि मुकदमे के दौरान न्यायालय को यह लगता है कि किसी मुद्दे (Issue) को तय करने के लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जाना चाहिए, तो वह धारा 11 की प्रक्रिया के अनुसार इस शुल्क का निर्धारण करेगा। यदि संबंधित पक्ष इस शुल्क को निर्धारित समय में जमा नहीं करता है, तो उस मुद्दे को मुकदमे से हटा दिया जाएगा और केवल बाकी बचे मुद्दों पर सुनवाई जारी रखी जाएगी।

उदाहरण (Illustrations)

मान लीजिए कि एक मुकदमे में संपत्ति के स्वामित्व (Ownership) को लेकर विवाद है। मुकदमे की प्रारंभिक सुनवाई में केवल कब्जे (Possession) का मुद्दा तय किया गया था, लेकिन बाद में न्यायालय यह पाता है कि स्वामित्व का मुद्दा भी मुकदमे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इसलिए, न्यायालय इस नए मुद्दे को शामिल करते हुए संबंधित पक्षकार से अतिरिक्त शुल्क जमा करने के लिए कहता है। यदि निर्धारित समय में यह शुल्क जमा नहीं किया जाता है, तो न्यायालय स्वामित्व से संबंधित मुद्दे को हटा देगा और केवल कब्जे से जुड़े मुद्दे पर निर्णय करेगा।

एक अन्य उदाहरण में, मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने किसी अनुबंध (Contract) के उल्लंघन का मुकदमा दायर किया है, लेकिन बाद में प्रतिवादी यह तर्क देता है कि अनुबंध कानूनी रूप से वैध ही नहीं था।

न्यायालय इस नए तर्क को एक अलग मुद्दे के रूप में शामिल करता है और वादी (Plaintiff) से अतिरिक्त शुल्क मांगता है। यदि शुल्क समय पर जमा नहीं किया जाता है, तो न्यायालय इस मुद्दे पर कोई विचार नहीं करेगा और बाकी मुकदमे की सुनवाई जारी रखेगा।

धारा 12 न्यायालय को यह अधिकार देती है कि वह मुकदमे में उत्पन्न होने वाले नए मुद्दों पर विचार करे और उनके लिए आवश्यक शुल्क निर्धारित करे। यह प्रावधान न्यायिक प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाता है, ताकि मुकदमे में किसी भी पक्ष को अनुचित लाभ न मिले।

साथ ही, यह सुनिश्चित करता है कि मुकदमे में केवल उन्हीं मुद्दों पर सुनवाई हो, जिनके लिए निर्धारित शुल्क जमा किया गया हो। धारा 11 और धारा 12 मिलकर यह सुनिश्चित करती हैं कि न्यायालय में किसी भी मामले की सुनवाई सही तरीके से और वित्तीय पारदर्शिता (Financial Transparency) के साथ हो।

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