केरल हाईकोर्ट ने वकील को हिरासत में प्रताड़ित करने के आरोपी पुलिस अधिकारी की संपत्ति कुर्क करने के खिलाफ अपील खारिज की

Update: 2024-11-22 08:55 GMT

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार (21 नवंबर) को वकील को हिरासत में प्रताड़ित करने के मामले में पुलिस अधिकारी द्वारा उसकी संपत्ति कुर्क करने के खिलाफ दायर अपील खारिज की।

आरोप के अनुसार उस समय करुणागपल्ली थाने के पुलिस के सर्किल इंस्पेक्टर ने वकील के खिलाफ आंदोलन चलाने और उसके ट्रांसफर का कारण बनने के कारण उसके खिलाफ प्रतिशोध की भावना रखते हुए अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर उसे 5 सितंबर 2022 को करुणागपल्ली थाने ले गए और रास्ते में तथा हिरासत में प्रताड़ित किया। वकील ने मुआवजे के लिए करुणागपल्ली के उप न्यायाधीश से संपर्क किया।

अदालत ने प्रथम दृष्टया मामला देखते हुए थाने के तत्कालीन पुलिस उपनिरीक्षक को 25,00,000 रुपये की राशि की सुरक्षा प्रदान करने को कहा। वकील के इस आरोप पर कि अधिकारी अपनी संपत्ति बेचने के लिए जल्दबाजी में कदम उठा रहा है, न्यायालय ने संपत्ति की सशर्त कुर्की का आदेश दिया, जिसे बाद में पूर्ण कर दिया गया। कथित घटना ने तब लोगों का ध्यान खींचा जब केरल हाईकोर्ट के वकीलों ने विरोध स्वरूप 20 सितंबर 2022 को एक दिन के लिए काम से विरत रहे।

पुलिस अधिकारी ने कुर्की के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करते हुए कहा कि उक्त संपत्ति का उपयोग उनके द्वारा लिए गए लोन में सुरक्षा के रूप में किया जाता है। उन्होंने प्रस्तुत किया कि कुर्की आदेश के कारण बैंक लोन को वापस लेने और संपत्ति के खिलाफ SARFAESI कार्यवाही शुरू करने की योजना बना रहा है।

उन्होंने आगे प्रस्तुत किया कि इस तरह की कार्रवाई अधिवक्ता के अंततः हर्जाना वसूलने के अधिकार को भी प्रभावित करेगी।

जस्टिस जी. गिरीश ने कहा कि न्यायालय के आदेश द्वारा कुर्क किए जाने से बहुत पहले ही संपत्ति ऋण के लिए सुरक्षा थी। न्यायालय ने कहा कि बैंक के लिए आशंका का कोई आधार नहीं है, क्योंकि अधिकारी द्वारा ऋण पर चूक होने की स्थिति में उसे संपत्ति के खिलाफ कार्यवाही करने का अधिकार होगा। न्यायालय ने कहा कि उप न्यायाधीश के आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

तदनुसार अपील खारिज कर दी गई।

केस टाइटल: अलॉयसियस अलेक्जेंडर बनाम एस. जयकुमार @ पनाम्बिल एस. जयकुमार और अन्य

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