केरल में जन-शिकायतों के लिए दहेज निषेध पोर्टल हुआ लागू

Update: 2025-08-16 11:09 GMT

राज्य सरकार ने केरल हाईकोर्ट को जनता द्वारा शिकायत दर्ज कराने हेतु समर्पित दहेज निषेध पोर्टल शुरू करने की जानकारी दी।

यह दलीलें लॉ ग्रेजुएट और लोक नीति पेशेवर द्वारा दायर जनहित याचिका पर राज्य द्वारा प्रस्तुत प्रति-हलफनामे के माध्यम से दी गईं। इस याचिका में केरल दहेज निषेध नियम 2004 के नियम 5 के तहत की गई शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई के संबंध में राज्य को जवाबदेही सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

यह प्रति-हलफनामा चीफ जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस बसंत बालाजी की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक और मामले में आठवें प्रतिवादी द्वारा प्रस्तुत हलफनामे में कहा गया कि सरकार ने दहेज विरोधी कानूनों के कार्यान्वयन को सुदृढ़ बनाने के लिए पहले ही कदम उठाए।

राज्य के अनुसार यह पोर्टल पीड़ित व्यक्तियों को सीधे न्यायालय में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की अनुमति देता है। हलफनामे में यह भी कहा गया कि दहेज निषेध अधिनियम के तहत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) वर्तमान में तैयार की जा रही है और जल्द ही जारी की जाएगी।

सरकार ने स्पष्ट किया कि केरल दहेज निषेध नियम 2004 के 2021 के संशोधन के बाद से सभी 14 जिलों में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को जिला दहेज निषेध अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिसमें निदेशक राज्य के मुख्य दहेज निषेध अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे।

न्यायालय ने राज्य को प्राप्त शिकायतों के संबंध में आंकड़े और नियम 2004 के नियम 5 के अनुसार की गई कार्रवाई की स्थिति को अतिरिक्त प्रति-हलफनामे में संलग्न करने का निर्देश दिया है।

मामला 16 सितंबर, 2025 को पोस्ट किया गया।

केस टाइटल- टेल्मी जॉली बनाम भारत संघ एवं अन्य।

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